कोरोना संकट के बीच कानूनी पचड़े में बदली सियासत, कांग्रेस MLC ने सुशील मोदी को भेजा लीगल नोटिस

कोरोना संकट के बीच कानूनी पचड़े में बदली सियासत, कांग्रेस MLC ने सुशील मोदी को भेजा लीगल नोटिस

PATNA : कोरोना संकट के इस दौर में बिहार की सियासत कानूनी पचड़े बाजी की तरफ आगे बढ़ गई है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लीगल नोटिस भेजा है. प्रेमचंद मिश्रा ने आरोप लगाया है कि बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री रहते हुए सुशील मोदी ने कांग्रेस विधायकों को लेकर गलत बयान बाजी की. सुशील मोदी ने यह बेबुनियाद आरोप लगाया कि कांग्रेस के विधायक कोरोना महामारी में अपनी तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं कर रहे हैं. इसी मामले को लेकर सुशील मोदी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं.


कांग्रेसी नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि सुशील मोदी कोरोना महामारी के इस दौर में आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं. राजनीतिक बयानबाजी के तहत कांग्रेस के विधायकों और विधान पार्षदों पर बेजा आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले को लेकर उन्होंने पहले ही डिप्टी सीएम से खेद जताने की अपील की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि वह अपने ट्वीट को डिलीट कर लें, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद अब उन्होंने अपने वकील के जरिए सुशील मोदी को लीगल नोटिस भेजा है.


कांग्रेस ने कहा है कि सुशील मोदी अगर अब भी खेद नहीं जताते हैं, तो वह आगे उनके खिलाफ मुकदमा भी करेंगे. आपको बता दें कि इस मामले को लेकर कांग्रेस के एक अन्य नेता ने पटना एसएसपी के पास सुशील मोदी के खिलाफ कंप्लेन दर्ज कराई है. कोरोना महामारी के बीच बिहार संभवत ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां अब राहत को लेकर सियासत कानूनी पचड़े बाजी की तरफ आगे बढ़ गई है.


गौरतलब है कि डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी  ने कहा था कि कोरोना संकट की घड़ी में कांग्रेस के किसी विधायक या विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे नहीं दिये. इसके बाद कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने उनके आरोप को झूठ का पुलिंदा बता दिया था प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा था कि कांग्रेस के विधायकों और विधान पार्षदों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक महीने का वेतन दिया है. प्रेमचंद्र मिश्र ने सुशील मोदी से माफी मांगने को कहा था.