PATNA : बिहार में 55000 पीडीएस दुकानदार आज से पूरे राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने वाले मुफ्त अनाज का उठाव नहीं करेंगे। वहीं बिहार सरकार ने साफ कर दिया है कि जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा की जा रही ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगी।
दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन पर रोक है। लेकिन, बिहार में अभी भी जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर उपभोक्ताओं का बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (पॉस मशीन पर अंगूठा लगाना) भी लिया जा रहा है। इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं, बल्कि दुकानदारों का जीवन भी खतरे में है।बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि सरकार जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा की जा रही ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगी। गरीबों को अनाज मिलने में जो भी बाधक बनेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि डीलर इस दौरान वे जन वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले नियमित अनाज का उठाव जारी रखेंगे। फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह और प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव दीपक कुमार और खाद्य सचिव पंकज कुमार पाल को इस संबंध में ई-मेल व फैक्स भेजा है।पैक्स से पीडीएस की वापसी के सरकारी फैसले के खिलाफ सहकारी संगठन ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बिस्कोमान के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह तथा शिवबचन सिंह द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने षड्यंत्र के तहत 4000 पैक्सों के पीडीएस को तीन महीने के लिए कार्य से वंचित कर दिया है।