PATNA : बिहार में लगातार बढ़ते जा रहे अपराध के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज फिर पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गये. अधिकारियों के साथ बैठक की. बाहर निकले तो बोले-हम किसी को इत्मिनान से बैठने नहीं देंगे. हम खुद लगातार यहां आकर देखेंगे कि कोई चैन से तो बैठा नहीं है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या सीएम के पुलिसिंग सिखाने से बिहार पुलिस सुधर जायेगी.
नीतीश सिखा रहे पुलिसिंग
पुलिसिंग यानि पुलिस का काम. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ये काम पुलिस वालों की सिखाना पड़ रहा है. इस दफे मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार को याद आया कि वे गृह मंत्री भी हैं और बिहार पुलिस सीधे उनके ही अधीन है. लिहाजा मुख्यमंत्री बनने के बाद दूसरी दफे नीतीश कुमार बिहार पुलिस के मुख्यालय पहुंच गये. पुलिस मुख्यालय पहुंचे नीतीश कुमार ने आला अधिकारियों के साथ बैठक की. उनके कामकाज की समीक्षा की और फिर उन्हें बताया कि आगे कैसे काम करना है.
पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार बोले-मैंने उन्हें एक-एक बात बताया है कि कैसे काम करना है. हर खबर पर नजर रखना है. सोशल मीडिया पर ध्यान देना है. जो भी सूचना कहीं से भी मिल रही है, उस पर काम कीजिये. लोगों को अपने काम के बारे में जानकारी दीजिये. तभी न लगेगा कि पुलिस काम कर रही है.
हम खुद से संतुष्ट नहीं, पुलिस से क्या संतुष्ट होंगे
मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या मुख्यमंत्री पुलिस के काम से संतुष्ट हैं. नीतीश कुमार ने कहा-मैं खुद से संतुष्ट नहीं हूं, पुलिस से क्या संतुष्ट रहूंगा. मैं बार-बार यहां आऊंगा. न खुद चैन से बैठेंगे और ना ही किसी को इत्मिनान से बैठने देंगे. पुलिस के हर काम पर खुद नजर रखेंगे. पुलिस के काम में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
थानेदारों पर नजर रखेगी सीआईडी
वैसे नीतीश कुमार ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में सीआईडी और बीएमपी के कामकाज की समीक्षा की. नीतीश कुमार ने बताया कि सीआईडी को हर थाने पर नजर रखने को कहा गया है. किस थाने में कितना अपराध हो रहा है, क्यों हो रहा है. थानों पर नजर रखने के लिए एसपी से लेकर डीआईजी और आईजी हैं लेकिन सीआईडी को खास तौर पर ध्यान रखना होगा. सीआईडी के पास एक-एक आंकड़ा होना चाहिये.
वही सिस्टम- वही अधिकारी, कैसे सुधरेगी पुलिस
सवाल ये है कि क्या सीएम के टिप्स से बिहार पुलिस सुधर जायेगी. नीतीश कुमार को इस बात का अहसास है कि बिहार पुलिस की हालत क्या हो गयी है तभी किसी मुख्यमंत्री को बार-बार पुलिस मुख्यालय आना पड़ रहा है. लेकिन बिहार सरकार ने पुलिस के आला पदों पर उन्हीं लोगों को बिठा रखा है जो पहले से ही उन पदों पर काबिज रहे हैं. बिहार सरकार ने आज तक लोगों को ये जानकारी नहीं दी कि सही काम नहीं करने वाले किन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कौन सी कार्रवाई हुई. पूरा सिस्टम वही है जिसके कारण फिर से बिहार में अपराधियों की मौज आ गयी. अब सीएम पुलिस अधिकारियों को बता रहे हैं कि उन्हें अपना काम कैसे करना चाहिये. सवाल ये है कि वही अधिकारी और वही सिस्टम क्या सीएम के ज्ञान से सुधर जायेगा.