Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में अगले कुछ घंटे भीषण बारिश, IMD का अलर्ट जारी Bihar Politics: बिहार NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में हंगामा, BJP विधायक और पूर्व JDU सांसद के समर्थक आपस में भिड़े; खूब हुई नारेबाजी
1st Bihar Published by: Updated Sat, 27 Mar 2021 08:02:26 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के एक उम्मीदवार ने फर्जीवाडा कर दिया. लेकिन फंस गये हैं उस सीट से जीतने वाले माले के विधायक. फर्जीवाड़ा के आरोपी बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव में हार गये. लेकिन उनके फर्जीवाड़े के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि बीजेपी के प्रत्याशी के फर्जीवाड़े पर रिटर्निंग ऑफिसर ने भी कोई कार्रवाई नहीं की. लिहाजा पूरा चुनाव ही रद्द कर दिया जाना चाहिये. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद चुनाव जीतने वाले माले के विधायक समेत उस क्षेत्र से उम्मीदवार रहे सभी 25 लोगों को नोटिस जारी कर दिया है.
अरवल से बीजेपी उम्मीदवार का फर्जीवाडा
मामला पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार रहे दीपक शर्मा का है. दीपक शर्मा के कारण अरवल से जीतने वाले माले के विधायक महानंद सिंह मुसीबत में हैं. होईकोर्ट में पूरा चुनाव ही रद्द करने की मांग की गयी है. हाईकोर्ट ने महानंद सिंह समेत सारे उम्मीदवारों से पूछा है कि क्यों न चुनाव रद्द कर दिया जाये.
दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन में दीपक शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को लेकर शपथ पत्र दिया था. इसमें दीपक शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों को छिपा लिया था. हालांकि दीपक शर्मा चुनाव हार गये. लेकिन शपथ पत्र में गलत जानकारी देना कानूनी अपराध है. याचिका दायर करने वाले के मुताबिक उन्होंने चुनाव के दौरान ही रिटर्निंग ऑफिसर के साथ साथ चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर दीपक शर्मा के फर्जीवाड़े की जानकारी दी थी. लेकिन दीपक शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. नियमों के मुताबिक उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जानी चाहिये थी. लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर से लेकर चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. इससे साफ है कि निष्पक्ष तरीके से चुनाव नहीं कराया गया लिहाजा पूरे चुनाव को ही रद्द कर दिया जाना चाहिये.
दीपक शर्मा पर गंभीर आरोप
पटना हाईकोर्ट में बीजेपी के उम्मीदवार दीपक शर्मा के खिलाफ पटना के रहबर आबदीन ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि चुनावी शपथ पत्र में दीपक शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को छिपाया है. दीपक शर्मा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं लेकिन उनका जिक्र शपथ पत्र में नहीं किया गया है.
धोखाधड़ी के आरोपी हैं दीपक शर्मा
हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक दीपक शर्मा धोखधडी समेत कई गंभीर मामलों के आरोपी है. उनके खिलाफ 6 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन बीजेपी के प्रत्याशी दीपक शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज चार मामलों की जानकारी शपथ पत्र में दी ही नहीं. हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक दीपक शर्मा पटना के बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज प्राथमिकी 503/2018 में धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र रचने का आरोपी है. वहीं बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने में केस संख्या-205/18 और 11/2019 के अलावा बुद्धा कॉलोनी थाने में 447/2018 दर्ज है. इन चार मुकदमों में दीपक शर्मा पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. लेकिन दीपक शर्मा ने अपने चुनावी शपथ पत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों का जिक्र ही नहीं किया है.
पूरा चुनाव रद्द करने की मांग
हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले रहबर आबदीन ने कहा है कि दीपक शर्मा के फर्जीवाड़े की सारी जानकारी देने के बावजूद अरवल के रिटर्निंग ऑफिसर सह अनुमंडल पदाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं. लिहाजा पूरे चुनाव को ही रद्द कर दिया जाना चाहिये. याचिका में कहा गया है कि चुनाव कराने वाले तंत्र ने निष्पक्षता से अपने कर्तव्य को नहीं निभाया. गलत तरीके से चुनाव कराने वालों ने दीपक शर्मा का नामांकन रद्द किये बगैर मतदान करा कर रिजल्ट भी घोषित कर दिया. इस परिणाम को रद्द कर चुनाव को ही रद्द कर दिया चाहिये.
19 अप्रैल को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए अरवल से चुने गये माले के विधायक महानंद सिंह, आरोपी दीपक शर्मा समेत चुनाव में उम्मीदवार रहे सभी 25 लोगों को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 अप्रैल का डेट तय किया है.