नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग! Life Style: हार्ट अटैक से पहले आपका शरीर देता है कई संकेत, अगर यह परेशानी है तो तुरंत टेस्ट कराएं सजना-संवरना बन गया बड़ी मुसीबत: पत्नी ने कराया फेसियल, तो पति ने ससुराल में ही कर दिया बड़ा कांड CBI Raid in Patna: पटना में CBI का बड़ा एक्शन, छापेमारी कर शातिर को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला? CBI Raid in Patna: पटना में CBI का बड़ा एक्शन, छापेमारी कर शातिर को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला? Bihar Politics: तेजस्वी यादव का कलेजा क्यों फट रहा..? बिहार BJP ने किया खुलासा
PATNA : 27 अक्टूबर को चित्रगुप्त आदि मंदिर, चित्रगुप्त घाट (पुराना नाम नौजर घाट ), पटना सिटी में भव्य चित्रगुप्त पूजा की तैयारी है। जिसके बाद 28 अक्टूबर को सामूहिक विसर्जन किया जाएगा। इसको लेकर कल सहाय सदन में पटना महानगर की 60 से ज्यादा पूजा समितियों की विशाल बैठक हुई। इसमें चित्रगुप्त आदि मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष और पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि चित्रगुप्त आदि मंदिर में सामूहिक विसर्जन की कल्पना मैंने, स्वर्गीय रविनंदन सहाय, डॉ निर्मल शंकर श्रीवास्तव और योगेंद्र नारायण मल्लिक ने मिलकर की थी। दौड़ -भाग और समन्वय के लिये सुजीत वर्मा को समिति का संयोजक बनाया गया था। उस समय मेरे अतिरिक्त अन्य सभी लोग अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (अभाकाम) के महत्वपूर्ण पदाधिकारी थे। लेकिन, यह मात्र जन जागरण और सामाजिक संगठन के लिए एक सामूहिक विसर्जन की कोशिश थी। इसमें अखिल भारतीय कायस्थ महासभा संगठन के रूप में कही शामिल नही है।
सिन्हा ने कहा कि अब बहुत सारे नये उत्साही लोग सामूहिक विसर्जन में भाग लेना चाह रहे है और कई बैठके भी अपने स्तर पर आयोजित कर रहे है। उन सभी का हार्दिक स्वागत है। किंतु सामूहिक विसर्जन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और भाई भोज की भी व्यवस्था होती है, जो आदि मंदिर के पदाधिकारीगण करते है। इसलिए जो भी इसमें शामिल चाहते हैं वे आसानी से शामिल हो सकते हैं। लेकिन किसी भी तरह की नई कमिटी बनाना और भ्रम फैलाना समाज और संगठन दोनों के लिए हितकारी नही है। ऐसा प्रयास करने वालों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए और जो मिलजुल कर काम करना चाहते है, उनका हार्दिक स्वागत है।
मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष और अभाकाम नेता डॉ निर्मल शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि आज सहाय सदन के प्रांगण में हुई बैठक में 500 से भी ज्यादा लोग शामिल हुए। इससे लगता है कि स्व रविनंदन सहाय का सूक्ष्म और परोक्ष आशीर्वाद हमें प्राप्त हो रहा है। संयोजक सुजीत वर्मा ने सभा में घोषणा की और बताया कि इस साल पटना महानगर में 20 नई पूजा समिति का गठन हुआ है, जहां इस बार नई मूर्तियां स्थापित होंगी।