Nitish Kumar: मुख्यमंत्री ने पश्चिम चंपारण में ऑन ग्रिड विद्युतिकरण योजना का किया शिलान्यास, 25 गांवों के 11,798 घरों तक पहुंचेगी बिजली

Nitish Kumar: मुख्यमंत्री ने पश्चिम चंपारण में ऑन ग्रिड विद्युतिकरण योजना का किया शिलान्यास, 25 गांवों के 11,798 घरों तक पहुंचेगी बिजली

PATNA: प्रगति यात्रा के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण में ऑन ग्रिड विद्युतिकरण योजना का शिलान्यास किया। इससे 25 गांवों के 11,798 घरों को बिजली दी जाएगी। 18 महीने में 139.04 करोड़ रुपये की लागत से ऑन ग्रिड विद्युतिकरण योजना का काम पूरा होगा।


मुख्यमंत्री ने अपने प्रगति यात्रा के पहले दिन पश्चिम चंपारण जिले के घोटवा टोला (संतपुर सोहरिया पंचायत) से वाल्मीकिनगर क्षेत्र में 139.04 करोड़ रुपये की लागत से ऑफ ग्रिड से ऑन ग्रिड विद्युतिकरण योजना का शिलान्यास किया। ऊर्जा विभाग के सचिव एवं सीएमडी बीएसपीएचसीएल पंकज कुमार पाल ने इस योजना को क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इस परियोजना से मुख्यत बाल्मिकी नगर के दुर्गम घने जंगली इलाकों में निवास कर रहे थारू जनजाति के परिवारों को ग्रिड के माध्यम से निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।


 जिससे उन ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी।विदित है कि इन इलाकों में अभी विभाग द्वारा अधिस्थापित सौर ऊर्जा के संयंत्रों से बिजली मिलती है जिसको इस परियोजना के तहत अब अंडर ग्राउंड केबल के माध्यम से जंगलों में तथा टॉवर पर गंडक नदी पार करा कर ग्रिड से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। इससे इन दुर्गम घने जंगल के इलाकों में भी लोगों को 24x7 बिजली उपलब्ध हो सकेगी।


इस परियोजना के तहत 25 गांवों के 11,798 घरों को ऑफ ग्रिड से ऑन ग्रिड विद्युत आपूर्ति में परिवर्तित किया जाएगा। इस योजना से क्षेत्र में निर्बाध, गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।


योजना के तहत सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, उद्योगों और व्यापारियों को भी निर्बाध बिजली मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इस परियोजना को 18 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 141,710 मानव दिवसों का रोजगार सृजन होगा। योजना की कुल लागत 139.04 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 60.17 करोड़ रुपये और शेष राशि 78.87 करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।