MUZAFAFRPUR : एसकेएमसीएच में बच्चों के लिए जानलेवा बनी चमकी बुखार से निपटने के लिए बेहतरीन इलाज की सुविधा उपलब्ध करवा दी गयी है। एईएस से होनेवाली बच्चों की मौत की रोकथाम के लिए एसकेएससीएच में 60 बेड का पीआईसीयू वार्ड बनकर तैयार हो गया है।
2 करोड 96 लाख की लागत से बने पीआईसीयू का उद्घाटन 6 या सात मई को होगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि 62 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन अत्याधुनिक पीआईसीयू वार्ड भी इस महीने के अंत तक चालू हो जाएगा।
बता दें कि 10 जुलाई 2019 को बिहार कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गयी थी। प्रधान सचिव ने बताया कि मामले की जानकारी देते हुए एसकेएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट डॉ सुनील शाही को व्यवस्था पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। वर्तमान में दो मंजिल तक के भवनों में तैयार वार्ड में बच्चों को भर्ती करके इलाज शुरू की जाएगी। एक छत ने नीचे सारे इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तर बिहार में पिछले दस वर्षों से चमकी बुखार एक रहस्मय बीमारी बन चुकी है। बीमारी का पता लगाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार लंबे समय से प्रयासरत है। आरएमआरआई पुणे, पटना, दिल्ली, अटलांटिका एनआईवी पुणे की टीम बीमारी पर शोध कर रही है। वर्ष 2019 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने एसकेएमसीएच पहुंच कर बीमारी के बारे में जानकारी ली थी। इसके बाद एसकेएमसीएच में अलग से बच्चों के लिए अत्याधुनिक पीआईसीयू वार्ड बनाने की घोषणा सीएम ने की थी। पिछले वर्ष एसकेएमसीएच में 482 बच्चे बीमार होकर पहुंचे थे। इलाज के दौरान 140 बच्चों की मौत हो गयी थी।