PATNA : महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बिहार में एक अच्छी खबर है। खासतौर पर रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को आने वाले दिनों में थोड़ी राहत मिल सकती है। बिहार में बालू की कीमत अब पहले से कम हो सकती है। राज्य सरकार ने प्रदेश के उन बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है जो अब तक के टेंडर प्रक्रिया में नहीं थे। इससे राज्य में बालू की कीमत नीचे जा सकती है। बिहार राज्य खनिज विकास निगम ने बचे हुए लगभग सौ बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। ये बालू घाट पटना, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई, लखीसराय, सारण, अरवल, बेतिया, बक्सर, बांका और किशनगंज जिलों में हैं।
विभागीय जानकारी के मुताबिक बिहार खनिज विकास निगम की तैयारी जून से पहले इन बालू घाटों में खनन शुरू कर देने की है। ताकि एनजीटी के आदेशों के तहत बालू के खनन पर रोक से पहले की अवधि में ही इसे पूरा कर लिया जाए। इन बालू घाटों पर खनन के कारण मांग के मुताबिक बालू बाजार में उपलब्ध हो सकेगा। इससे कीमतों में कमी के आसार भी हैं। नीलामी के लिए चुने गए ये वे बालू घाट हैं जो पहले की नीलामी में किसी क्लस्टर के तहत नहीं आ पाए थे। नीलामी से बचे रह गए अधिकतर बालू घाट अवैध खनन के शिकार हैं। इस कारण वहां पर बालू माफियाओं का शिकंजा भी कसा है। ये लोग बालू की कालाबाजारी के पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं। सभी घाटों पर वैध बालू खनन शुरू हो जाने से इन पर भी अंकुश लगाना आसान होगा।
इतना ही नहीं राज्य सरकार नदियों की बालू भराई की क्षमता का भी अध्ययन कराने जा रही है। अगले साल से नीलामी कराने के लिए यह जरूरी है। इसके बाद एनजीटी के नियमों का भी पालन होगा। अभी राज्य में बालू का खनन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक हो रहा है। आगे यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट बालू खनन के लिए इसी आदेश को अगले साल तक के लिए एक्सटेंशन देता है या एनजीटी के आदेशों के अनुपालन के बाद इस पर विचार किया जाएगा। नदियों के बालू घाटों की पर्यावरण रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया भी राज्य में चल रही है।