Bihar Election Voting: पहले चरण में महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, गांव-शहर में दिखा उत्साह Bihar election 2025 : पहले चरण में जबरदस्त वोटिंग, मोकामा बनी सियासत का अखाड़ा; किसके सिर पर सजेगा ताज Bihar Election 2025: पटना में क्यों रहा मतदान प्रतिशत सबसे कम, जानें क्या है कारण? Bihar politics : विजय सिन्हा पर लखीसराय में क्यों हुआ हमला? पिछले साल भी यहीं हुआ था विरोध;जानिए आखिर क्या है वजह Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, जानें कौन सा जिला रहा सबसे आगे और कहां हुआ सबसे कम मतदान? Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में गिरा तापमान, अगले 3 दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल Bihar Chunav : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: अब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में बताना होगा हर आपराधिक मामला — बिहार चुनाव के बीच अहम फैसला Bihar News: बिहार के कटिहार से अपहृत 'कृष्णा' भागलपुर से बरामद, 72 घंटे बाद पुलिस को मिली सफलता Bihar News: सांसद रवि किशन को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बिहार के शख्स की तलाश में जुटी पुलिस Bihar Election 2025: RJD प्रत्याशी भाई वीरेंद्र को पुलिस को धमकी देना पड़ा महंगा, FIR दर्ज
1st Bihar Published by: Updated Mon, 09 May 2022 07:10:21 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बिहार में एक अच्छी खबर है। खासतौर पर रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को आने वाले दिनों में थोड़ी राहत मिल सकती है। बिहार में बालू की कीमत अब पहले से कम हो सकती है। राज्य सरकार ने प्रदेश के उन बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है जो अब तक के टेंडर प्रक्रिया में नहीं थे। इससे राज्य में बालू की कीमत नीचे जा सकती है। बिहार राज्य खनिज विकास निगम ने बचे हुए लगभग सौ बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। ये बालू घाट पटना, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई, लखीसराय, सारण, अरवल, बेतिया, बक्सर, बांका और किशनगंज जिलों में हैं।
विभागीय जानकारी के मुताबिक बिहार खनिज विकास निगम की तैयारी जून से पहले इन बालू घाटों में खनन शुरू कर देने की है। ताकि एनजीटी के आदेशों के तहत बालू के खनन पर रोक से पहले की अवधि में ही इसे पूरा कर लिया जाए। इन बालू घाटों पर खनन के कारण मांग के मुताबिक बालू बाजार में उपलब्ध हो सकेगा। इससे कीमतों में कमी के आसार भी हैं। नीलामी के लिए चुने गए ये वे बालू घाट हैं जो पहले की नीलामी में किसी क्लस्टर के तहत नहीं आ पाए थे। नीलामी से बचे रह गए अधिकतर बालू घाट अवैध खनन के शिकार हैं। इस कारण वहां पर बालू माफियाओं का शिकंजा भी कसा है। ये लोग बालू की कालाबाजारी के पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहे हैं। सभी घाटों पर वैध बालू खनन शुरू हो जाने से इन पर भी अंकुश लगाना आसान होगा।
इतना ही नहीं राज्य सरकार नदियों की बालू भराई की क्षमता का भी अध्ययन कराने जा रही है। अगले साल से नीलामी कराने के लिए यह जरूरी है। इसके बाद एनजीटी के नियमों का भी पालन होगा। अभी राज्य में बालू का खनन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक हो रहा है। आगे यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट बालू खनन के लिए इसी आदेश को अगले साल तक के लिए एक्सटेंशन देता है या एनजीटी के आदेशों के अनुपालन के बाद इस पर विचार किया जाएगा। नदियों के बालू घाटों की पर्यावरण रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया भी राज्य में चल रही है।