चुनाव के पहले BJP ने खेला नियोजित शिक्षकों का कार्ड, मुख्यमंत्री के सामने रख दी 10 सूत्री मांग

चुनाव के पहले BJP ने खेला नियोजित शिक्षकों का कार्ड, मुख्यमंत्री के सामने रख दी 10 सूत्री मांग

PATNA : बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा पॉलिटिकल कार्ड खेल दिया है। बीजेपी अब नियोजित शिक्षकों के मामले में अपनी ही सरकार के सामने मांग रख रही है। बीजेपी के पूर्व विधान पार्षद प्रो नवल किशोर यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर नियोजित शिक्षकों के सेवा संघ और मेमोरी को जल्द लागू करने की मांग की है। तो फिर नवल किशोर यादव ने ना केवल मुख्यमंत्री की बल्कि उप मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द नियोजित शिक्षकों के सेवा सर और उनकी नियमों को लागू किया जाय। 


प्रो नवल किशोर यादव ने सरकार के सामने जो 10 सूत्री मांग रखी है वह इस प्रकार है।

1. पुराने शिक्षकों की तरह ही नियोजित शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण को मंजूरी दी जाय। जिससे कि महिला एवं बड़ी संख्या में अन्य पुरूष शिक्षकों को भी अपने गृहक्षेत्र एवं निकटस्थ स्थानों पर कार्य करना संभव हो सके। इससे व्यवहारिक परेशानियाँ तो दूर होंगी ही, कार्यकुशलता में भी बढ़ोत्तरी होगी।

2.      उपार्जित अवकाश, सामान्य भविष्य निधि, ग्रुप बीमा, उपादान की राशि सुनिश्चित हो। साथ ही राज्य कर्मियों की तरह अन्य सभी सुविधाएँ भी दी जाय।

3.      सेवा उपरांत शिक्षकों एवं उनके परिवारजनों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाय।

4.      शिशुओं की देखभाल के लिए महिला शिक्षकों को दो वर्ष के अवकाश की अनुमति मिले।

5.      शारीरिक शिक्षकों को भी पूर्व की भाँति प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दी जाय़।

6.      मातृत्व अवकाश मिले और इसे 135 दिन से बढ़ाकर 180 दिन किया जाय़।

7.      शिक्षकों की मृत्यु के उपरांत अनुकंपा का लाभ पूर्ववत ही दी जाय।

8.      पितृत्व अवकाश भी 15 दिनों का घोषित किया जाय़।

9.      चिकित्सा अवकाश की भी अनुमति मिले।

10.  कालबद्ध प्रोन्नति सुनिश्चित किया जाय़।


प्रो नवल किशोर यादव है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कोरोना की इस चुनौती के दौर में बिहार सरकार ने आम जनता के हित में काम करने के साथ विकास कार्य की गतिशीलता को बनाये रखा है। इस त्रासदी के दौर में सभी सामाजिक वर्गो एवं सभी जीवन क्षेत्र से जुड़े लोगों की सुध बिहार सरकार ने ली है। इसी कड़ी में आपसे गुजारिश है कि बिहार के नियोजित शिक्षक, जिनमें शारीरिक शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्ष भी शामिल हैं, के हित में सेवाशर्त एवं नियमावली को अंतिम रूप देकर शीघ्र-अति-शीघ्र लागू करने की कृपा की जाय।