PATNA : कोरोना महामारी से जूझते बिहार के अंदर आज तस्वीर बदली हुई है। पहली बार सत्ताधारी दल के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तक कोरोना मरीजों का हाल-चाल जान रहे हैं। बीजेपी नेताओं का एकाएक हरकत में आना यह बता रहा है कि अपनी ही पार्टी के विधान पार्षद की मौत के बाद पार्टी के नेताओं के होश उड़े हुए हैं। खुद कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वापस लौटे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल ने आज सबसे पहला कदम उठाते हुए बेतिया स्थिति जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। पीपीई किट पहनकर संजय जायसवाल कोरोना वार्ड में जा पहुंचे और मरीजों का हालचाल जाना। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी।
संजय जयसवाल खुद एक चिकित्सक हैं और कोरोना काल में उन्होंने इसके पहले भी मरीजों का इलाज किया है लेकिन कोरोना मरीजों के साथ मुलाकात और उनका हालचाल जानने का उनके लिए यह पहला अनुभव था। संजय जायसवाल पिछले दिनों पटना एम्स में भर्ती थे जहां उनका इलाज किया गया। कोरोना नेगेटिव होकर निकले तो पार्टी के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े और इसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने कोरोना को लेकर योद्धा की तरह लड़ने की बात कही थी। तब संजय जायसवाल ने जो कुछ कहा था उनका संकेत पार्टी के ज्यादातर नेता नहीं समझ पाए थे लेकिन अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने खुद कोरोना वार्ड का निरीक्षण कर मरीजों से मुलाकात करके एक मिसाल पेश की है। बिहार में किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता संजय जायसवाल से पहले कोरोना मरीजों का हालचाल जानने कोविड वार्ड में नहीं पहुंचा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने जो कदम कोरोना के खिलाफ उठाया है वह उनके चिकित्सक होने के कर्तव्य को भी दिखाता है। लेकिन साथ ही साथ सरकार में शामिल एक सत्ताधारी दल के प्रदेश नेतृत्व के तौर पर संजय जायसवाल ने मिसाल पेश की है। डॉक्टर संजय जयसवाल ने बेतिया में कोविड-19 अलका जैसे ही निरीक्षण किया व उसके थोड़ी देर बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पटना के एनएमसीएच पहुंच गए। उन्होंने भी वहां कोरोना मरीजों का हालचाल जाना। अब सरकार से लेकर पार्टी के गलियारे तक में इस बात की चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष के कदम से मंगल बाबू पर दबाव बढ़ गया। प्रदेश अध्यक्ष होते हुए जब संजय जायसवाल कोरोना मरीजों का हाल-चाल लेने जा सकते हैं तो फिर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे क्यों नहीं? शायद इस दबाव की वजह से भी मंगल पांडे एनएमसीएच पहुंच गए। हकीकत चाहे जो भी हो लेकिन अच्छी बात यह है कि अब बीजेपी के नेता कोरोना के लेकर एक्टिव हो रहे हैं।