बीजेपी के आरोपों पर बोले सुधाकर सिंह, कहा- नेता प्रतिपक्ष रहते तेजस्वी को भी नहीं मिलता था बोलने का मौका

बीजेपी के आरोपों पर बोले सुधाकर सिंह, कहा- नेता प्रतिपक्ष रहते तेजस्वी को भी नहीं मिलता था बोलने का मौका

PATNA: विधानसभा की कार्यवाही से बीजेपी विधायक लखेन्द्र पासवान के निलंबन के खिलाफ बीजेपी के सभी विधायक सदन के बाहर धरना पर बैठ गए हैं। बीजेपी ने कहा है कि जबतक निलंबन वापस नहीं होगा बीजेपी का कोई भी विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होगा। बीजेपी के इस फैसले पर आरजेडी ने अपत्ति जताई है। आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि बजट सत्र के शुरुआत से ही बीजेपी सदन नहीं चलने देना चाह रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब सदन में आरजेडी विपक्ष की भूमिका में होती थी उस वक्त आरजेडी विधायकों को दूर की बात है नेता प्रतिपक्ष तक को बोलने का मौका नहीं दिया जाता था।


सुधाकर सिंह ने कहा है कि बीजेपी के विधायक सदन के भीतर खुद माइक तोड़ रहे हैं और बाहर आकर धरना भी दे रहे हैं। जो कुछ भी बात है बीजेपी विधायकों को सदन के भीतर आकर कहना चाहिए। सुधाकर सिंह ने कहा कि सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए बीजेपी के विधायक पिछले कुछ दिनों से अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के कई सदस्यों के खिलाफ लगातार बीजेपी के विधायक गलत बयानी कर रहे थे। बीजेपी के सदस्यों की तरफ से सदन में असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन आज तो वे सारी सीमा को लांघ गए और हाउस के अंदर माइक को तोड़ दिया।


उन्होंने कहा कि सदन की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कही से भी ठीक नहीं है। बिना किसी बात के माइक को तोड़ देना दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा के अध्यक्ष को जो अधिकार है उसका उन्होंने काफी कम इस्तेमाल किया है। बीजेपी विधायक के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है सिर्फ सांकेतिक तौर पर विपक्ष के विधायक पर यह कार्रवाई की गई है। बीजेपी के लोगों को समझना होगा कि अपनी बात को रखने के लिए संसदीय प्रणाली में जो प्रावधान हैं उसका ही इस्तेमाल करना होगा।


वहीं बीजेपी के यह आरोप लगाने पर कि उनके विधायकों को बोलने नहीं दिया जाता है, इसपर सुधाकर सिंह ने कहा कि स्पीकर जितना अवसर विपक्ष के नेताओं को देते हैं उतना अवसर विपक्ष में रहते हुए आरजेडी के विधायकों और तेजस्वी यादव तक को नहीं मिलता था। स्पीकर बहुत ही लोकतांत्रित तरीके से विपक्ष के सदस्यों को बोलने का मौका देते हैं। बिहार में जब एनडीए की सरकार थी उस वक्त तेजस्वी यादव को बोलने का उतना मौका नहीं दिया जाता था जितना उन्हें मिलना चाहिए था।