KISHANGANJ: बिहार में नीतीश से धोखा खायी बीजेपी ने बड़ा फैसला ले लिया है. बीजेपी ने तय कर लिया है कि वह अपने मुख्यमंत्री के दावेदार का नाम घोषित कर अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी. किशनगंज में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चल रहे भाजपा के सियासी मंथन में ये बात साफ कर दी गयी है. बड़ी बात ये है कि अमित शाह ने खुद बिहार में पार्टी के कामकाज की मॉनिटरिंग करने का जिम्मा ले लिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अब तकरीबन हर महीने बिहार का दौरा कर उसी तरह पार्टी के काम की निगरानी करेंगे जैसे उन्होंने 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में किया था. भाजपा नेताओं की बैठक में अमित शाह ने साफ कर दिया कि अब नीतीश कुमार से बीजेपी की दोस्ती नामुमकिन है.
बता दें कि किशनगंज में शुक्रवार से बीजेपी की महफिल जमी है. शुक्रवार को अमित शाह ने पार्टी के तमाम सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ लंबी बैठक की. जब ये बैठक खत्म हुई तो कोर कमेटी की बैठक शुरू हुई. अमित शाह दो घंटे तक बिहार बीजेपी की कोर कमेटी यानि अहम नेताओं के साथ भी मंथन करते रहे. तकरीबन पांच घंटे की बैठक के बाद कई बातें निकल कर सामने आयी हैं.
सीएम पद के लिए चेहरा घोषित करेगी बीजेपी
बीजेपी ने बिहार को लेकर जो सबसे बड़ा फैसला लिया है वो ये है कि पार्टी अब बिहार में सीएम पद का दावेदार घोषित करेगी. भाजपा के एक वरीय नेता ने बताया कि अमित शाह ने पार्टी के प्रमुख लोगों को बता दिया है कि अब बिहार में होने वाला विधानसभा चुनाव सिर्फ पीएम के नाम पर नहीं लडा जायेगा. बीजेपी आलाकमान ने तय कर लिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद बिहार मे सीएम पद के दावेदार का नाम घोषित करेगी. सीएम पद के दावेदार के नेतृत्व में तकरीबन सवा साल तक तैयारी करने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में जायेगी. ये अलग बात है कि अमित शाह ने अपनी पार्टी के नेताओं को ये नहीं बताया कि सीएम पद का दावेदार कौन होगा.
अमित शाह ने थामी बिहार बीजेपी की कमान
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के नेताओं को ये भी बता दिया कि वे खुद बिहार में बीजेपी के कामकाज की मॉनिटरिंग करेंगे. इसके लिए वे हर महीने बिहार का दौरा भी करेंगे. बीजेपी के एक वरीय नेता ने बताया कि अमित शाह ने कहा है कि वे बिहार में उसी तरीके से सक्रिय रहेंगे जैसे 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में रहा करते थे. बीजेपी नेता ने बताया कि अमित शाह की प्लानिंग का ही रिजल्ट ये हुआ था कि 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी इतने बड़े बहुमत से सत्ता में आयी थी जिसकी ज्यादातर लोगों ने कल्पना नहीं की थी.
अमित शाह की मिशन 32
अमित शाह ने शुक्रवार को किशनगंज की बैठक में बिहार बीजेपी के नेताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए टास्क भी दे दिया. अमित शाह ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 32 सीटें जीतने का टारगेट दिया है. सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इससे भी ज्यादा सीटें जीती जा सकती हैं. लेकिन भाजपा के पास कम से कम 32 सीटें होनी चाहिये. अमित शाह की टीम ने उन सीटों की पहचान कर ली है जहां भाजपा को जीत की उम्मीद है. बाकी की 8 सीटों पर बिहार के नेताओं को और फोकस करने का निर्देश दिया गया है.
काम नहीं आयेगा लालू-नीतीश का जातिवाद
सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने भाजपा नेताओं को कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार के जातिवाद से घबराने की जरूरत नहीं है. यूपी में भी अखिलेश, मायावती सब एक हो गये थे. ऐसा लग रहा था मानो पूरा जातीय समीकरण उनके ही पक्ष में है. लेकिन चुनाव परिणाम ने सारे समीकरण को ध्वस्त कर दिया था. अपनी पार्टी के नेताओं को अमित शाह ने कहा कि दूसरे वोट की बात छोडिये, जिस एमवाई का दावा किया जाता है वह भी बिहार के चुनाव में कायम नहीं रहेगा.
फेल होगा जातीय गणना
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की बैठक में अमित शाह ने जातीय गणना पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि वे भी जातीय गणना करा लेते लेकिन पूरे भारत खासकर बिहार के लोग जिस तरह से जाति और उप जाति में बंटे हैं उसकी गिनती कराना संभव नहीं है. एक ही टायटल पांच जाति के लोग लगाते हैं. एक जाति के 32 टायटल होते हैं. ऐसे में कम्प्यूटर सही गिनती कर ही नहीं पायेगा. अमित शाह ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि वे लिख कर रख लें कि बिहार में जातीय गणना कभी सही तरीके से हो ही नहीं सकती.
लालू क्यों नहीं लाये थे विशेष राज्य का दर्जा
बीजेपी नेताओं की बैठक में अमित शाह ने विशेष राज्य के दर्जे पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुद कहते रहे हैं कि लालू केंद्र में इतने पावरफुल मिनिस्टर थे कि आधी रात को कैबिनेट की बैठक बुलाकर बिहार मे विधानसभा भंग करा दिया था. उस दौर में लालू यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलाया. केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तभी ये फैसला ले लिया गया था कि किसी राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिलेगा. अब वही लोग ड्रामा कर रहे हैं. अमित शाह ने बीजेपी नेताओं को हिसाब बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कैसे बिहार को 1 लाख 65 हजार करोड की मदद दी है.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने बीजेपी नेताओं को कई टास्क भी सौंपे हैं. इसमें जातीय समीकरणों से लेकर संगठन के विस्तार का काम शामिल है. अमित शाह अगले महीने इसकी समीक्षा करेंगे. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि अमित शाह जिस तेवर में थे, उससे साफ लग रहा था कि बिहार को उन्होंने अपनी इज्जत का सवाल बना लिया है. ऐसे में आगे क्या सब होगा ये देखना दिलचस्प होगा.