PATNA : तेजस्वी यादव अपने बूते महागठबंधन की सरकार बिहार में बनाना चाहते थे. लेकिन जनादेश से दूर रह गए. तेजस्वी को इस हार का मलाल जीवन भर रहेगा. लेकिन इस हार से सीख लेते हुए तेजस्वी ने अब बीजेपी के ब्लूप्रिंट को फॉलो करना शुरू कर दिया है. यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लग सकती है. लेकिन तेजस्वी यादव की नजर संगठन को लेकर बीजेपी की रणनीति पर है. तेजस्वी यादव बड़ी बारीकी से बीजेपी की प्लानिंग को ना केवल समझ रहे हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर उसे अपनी पार्टी के अंदर खाने भी लागू कर रहे हैं.
बिहार में किसी भी वक्त एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज सकता है. हालांकि इस बार विधानसभा नहीं बल्कि पंचायत के चुनाव होंगे. पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव राजनीतिक लाइन पर नहीं होता है. लिहाजा कोई भी पार्टी अपनी तरफ से इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतार रही है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत चुनाव में ऐसे उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है, जो आगे उसके लिए फायदेमंद हो सकते हैं. बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की 2 दिनों तक चली बैठक में भी इस पर चर्चा हुई पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल खुद कह चुके हैं कि पार्टी लाइन पर चुनाव नहीं होने के बावजूद पंचायत स्तरीय चुनाव में जिला परिषद जैसे पदों पर वह अपने समर्थित उम्मीदवारों को जीत दिलाएंगे.
पंचायत चुनाव के जरिए निचले स्तर तक के अपने संगठन को मजबूत बनाने के लिए बीजेपी ने जो रणनीति बनाई है. दरअसल उसे तेजस्वी समझ चुके हैं. आरजेडी ने अब बीजेपी की राह पर चलते हुए अपनी कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने का निर्णय किया है. पार्टी अल्पसंख्यकों के बीच अपने को मजबूत करेगी और पंचायत चुनाव में आरजेडी समर्थित उम्मीदवारों को इसके लिए मदद पहुंचाई जाएगी. पटना में आज अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की एक अहम बैठक बुलाई गई थी. इसमें पार्टी के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए.
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ-साथ शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्धकी, उदय नारायण चौधरी और तनवीर अख्तर समेत कई बड़े चेहरों ने इस बैठक में शिरकत की. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे आरजेडी समर्थित अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में जीत दिलाई जाए. कैसे जिला परिषद जैसे पदों पर और मुखिया, सरपंच आरजेडी समर्थक बने, यह सुनिश्चित किया जाए.
पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्लानिंग आरजेडी ने समझ लिया है. तेजस्वी यादव ने इस ब्लूप्रिंट के मुताबिक ही काम करना भी शुरू कर दिया है. लेकिन जेडीयू अभी भी पंचायत चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं. आरजेडी और बीजेपी की इस रणनीति को देखकर पंचायत चुनाव के बीच दिलचस्प होने की उम्मीद है.