PATNA : कोरोना के गंभीर संकट के बीच प्रवासी बिहारियों को भगवान भरोसे छोड़ने वाली बिहार सरकार ने आज नया बहाना गढ़ा है. बिहार सरकार ने प्रवासी बिहारियों को वापस लाने के लिए डेढ दर्जन नोडल अधिकारी बनाये थे. उनके फोन नंबर सार्वजनिक किये गये थे. सारे के सारे नोडल अधिकारियों ने अपने फोन बंद कर लिये हैं. राज्य सरकार ने आज कहा कि उन अधिकारियों के पास इतने फोन कॉल आये कि सारे फोन क्रैश हो गये.
कॉल आने से फोन क्रैश हो जाने का बिहार सरकार का ये अनुभव शायद मोबाइल फोन यूजर्स के लिए नया होगा. लेकिन बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग ने आज यही सफाई दी. आपदा प्रबंधन विभाग ने ही दो दिन पहले देश के अलग अलग राज्यों के लिए नोडल पदाधिकारी बनाने का पत्र जारी किया था. इन नोडल पदाधिकारियों का काम है कि वे बिहारिय़ों की वापसी सुनिश्चित करायें. इसके लिए उनके नंबर जारी किये गये थे.
आज बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा “ इन सभी नंबर पर इतने ज्यादा कॉल्स आये हैं कि सारा सिस्टम क्रैश हो गया है. इन नोडल पदाधिकारियों को जनता से बात करने के लिए नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के पदाधिकारियों से बात करने का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन उनके पास इतने कॉल्स आये कि उनके फोन ने काम करना बंद कर दिया.”
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिहार से बाहर जो भी बिहारी हैं वे दिल्ली के बिहार भवन के नंबर पर कॉल करें. ये दीगर बात है कि लोग कह रहे हैं कि बिहार भवन के किसी नंबर पर बात ही नहीं हो रही है.
प्रत्यय अमृत ने कहा कि नोडल पदाधिकारियों के फोन भले ही बंद हैं लेकिन उनके कॉल फार्रवार्ड करके सिस्टम में स्टोर किया जा रहा है. बेहद हैरानी की बात ये है कि नोडल पदाधिकारियों के फोन बंद है, बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव कह रहे हैं कि फोन ही क्रैश हो गया है. लेकिन इसके बाद वे भी कह रहे हैं कि बंद नंबरों पर जितने भी कॉल आये हैं उन सबके मैसेज को सिस्टम में स्टोर कर लिया गया है. उन सब पर कार्रवाई की जा रही है.
प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिहार सरकार के पास सारी जानकारी उपलब्ध है. सारी जानकारी है कि कौन लोग कहां फंसे हैं. बिहार सरकार ने सारी जानकारी ले रखी है. सारे लोगों तक बिहार सरकार पहुंचेगी. किसी को बिहार सरकार छोड़ने वाली नहीं है.