बिहार STET रिजल्ट में बड़ी धांधली का आरोप, शिक्षक संघ ने कहा.. कैंडिडेट्स को अंधेरे में रखकर तैयार की गई मेरिट लिस्ट

बिहार STET रिजल्ट में बड़ी धांधली का आरोप, शिक्षक संघ ने कहा.. कैंडिडेट्स को अंधेरे में रखकर तैयार की गई मेरिट लिस्ट

PATNA : सोमवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से एसटीईटी 2019 के पेपर 1 और पेपर 2 का फाइनल रिजल्ट जारी किया गया. रिजल्ट सामने आने के बाद हजारों ऐसे कैंडिडेट्स हैं, जो मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए हैं. टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ का आरोप है कि एसटीईटी 2019 के मेरिट लिस्ट में धांधली की गई है. इसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई है. प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक का कहना है कि STET परीक्षा में उतीर्ण अभ्यर्थियों को अंधकार में रख कर मेरिट लिस्ट जारी किया गया है. 


शिक्षक संघ ने कहा कि बिहार बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में दो तरीके का रिजल्ट दिख रहा है. एक में अभ्यर्थी उतीर्ण है लेकिन मेरिट लिस्ट से बाहर है जबकि दूसरे में अभ्यर्थी उतीर्ण एवं मेरिट लिस्ट दोनों है. जबकि 12 मार्च को पहली बार रिजल्ट जारी करते समय शिक्षा मंत्री और अनेकों अवसर पर विभागीय अपर मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा यह कहा गया है कि एसटीईटी परीक्षा में सीट के विरुद्ध ही अभ्यर्थियों को उतीर्ण कराया गया है. इसलिए सबकी नौकरी पक्की है. लेकिन सोमवार को जारी रिजल्ट और मेरिट लिस्ट में ठीक इसके विपरीत हुआ है. हजारों उतीर्ण अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए हैं. जब सीट के ही अनुसार रिजल्ट जारी हुआ है तो फिर ऐसा क्यों हुआ है. इससे अभ्यर्थियों में भारी असंतोष और आक्रोश है. 



टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बिना विषयवार, कोटिवार बगैर रिक्ति और उतीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या बताये हुए मेरिट लिस्ट कैसी जारी कर दी है. उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति केवल परीक्षा लेने की एक सरकारी एजेंसी है, वो किसी भर्ती प्रक्रिया में बहाली करने और मेरिट लिस्ट जारी करने की अधिकारी नहीं  हो सकती. यह काम विभिन्न शिक्षक नियोजन इकाइयों और शिक्षा विभाग का है. 



संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी राहुल विकास ने कहा कि सरकार शुरुआत से ही इस बहाली के मुद्दे पर गम्भीर नही है. 2 बार परीक्षा हुआ कुछ विषय के अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए उसके बाद रिजल्ट जारी हुआ. अब ये नया विवाद हुआ है, जिसके कारण से क्षुब्ध अभ्यर्थी फिर से कोर्ट जाएंगे. जिस कारण बहाली प्रकिया पर असर पड़ेगी और सरकार भी यही चाहती है.


संघ ने सरकार से मांग की है कि जिलावार, विषयवार और  कोटिवार रिक्ति लेकर केंद्रीकृत ढंग से उतीर्ण अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेकर कुछ जिले का विकल्प लेने के बाद जिलावार मेरिट लिस्ट जारी करके बहाली प्रकिया को आगे बढ़ाया जाए. शिक्षक नियोजन के लिए मेरिट लिस्ट और कोटिवार रिक्ति के लिए पूर्णतः नियोजन इकाई जबाबदेह होती है. उनसे उनका अधिकार छीनना पूर्णतः असंवैधानिक है. 


संघ बिहार सरकार और शिक्षा विभाग STET 2019 बहाली प्रकिया में पारदर्शी प्रकिया अपनाने की मांग की है. साथ ही वर्तमान परिस्थिति पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सामने आकर अभ्यर्थियों के मन मे उत्पन्न संशय को दूर करने की भी बात कही गई है. गौरतलब हो कि माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि कि एसटीईटी 2019 में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों की नौकरी लगभग पक्की है. बिहार बोर्ड द्वारा जारी एसटीईटी के पेपर-एक और पेपर-दो में जितने अभ्यर्थी सफल हुए हैं, उनकी कुल संख्या से अधिक राज्य भर के स्कूलों में सीटे हैं.