PATNA : कोरोना का शिकार बनने के बाद बीमारी से जूझ रहे शक्ति सिंह गोहिल को आखिरकार बिहार कांग्रेस के प्रभारी पद से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने खुद ही इस जिम्मेवारी से मुक्त करने का आग्रह किया था. सोनिया गांधी ने आज उनके आग्रह को मानते हुए बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी की नियुक्ति कर दी. भक्त चरण दास बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी होंगे.
कांग्रेस ने जारी किया पत्र
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शक्ति सिंह गोहिल की इच्छा के मुताबिक उन्हें बिहार की जिम्मेवारी से मुक्त कर दिया है. उनकी जगह पर भक्तचरण दास को बिहार कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया गया है. भक्तचरण दास पहले से मणिपुर और मिजोरम प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हैं. शक्ति सिंह गोहिल को बिहार कांग्रेस के प्रभारी पद से मुक्त किया गया है लेकिन वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी बने रहेंगे.
गौरतलब है कि शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट कर कहा था कि कोरोना के कारण वे काफी परेशानी से जूझ रहे हैं. काफी दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और अभी भी उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है. ऐसे में वे बिहार जैसे बड़े राज्य की जिम्मेवारी संभालने में खुद को अक्षम पा रहे हैं. लिहाजा आलाकमान उन्हें बिहार की जिम्मेवारी से मुक्त कर दे.
कौन हैं भक्तचरण दास
ओडिशा से आने वाले भक्तचरण दास गांधी परिवार के वफादार राजनेताओं में शामिल हैं. वे ओडिशा के कालाहांडी से तीन दफे सांसद रह चुके हैं. हालांकि उन्होंने राजनीति की शुरूआत समाजवादियों के साथ की थी. 1989 में केंद्र में जब वीपी सिंह की सरकार बनी तो उन्हें उपमंत्री बनाया गया था. बाद में चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने तो भक्तचरण दास को रेलवे का राज्य मंत्री बनाया गया था. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गये और गांधी परिवार के करीब हो गये. वे कांग्रेस में सचिव का पद संभाल चुके हैं. फिलहाल वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं.
बिहार पर गंभीर नहीं कांग्रेस आलाकमान
जानकारों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान बिहार को लेकर फिलहाल गंभीर नहीं है. भक्तचरण दास को संगठन में अब तक कोई बड़ी जिम्मेवारी संभालने का मौका नहीं मिला है. पार्टी ने उन्हें नार्थ ईस्ट के दो छोटे राज्यों का प्रभारी बनाया था. लेकिन अब उन्हें अचानक से बिहार जैसे बड़े राज्य का संगठन प्रभारी बना दिया गया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बिहार में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. फिलहाल वहां कोई सियासी गतिविधि नहीं होनी है. पार्टी का ध्यान उन राज्यों पर है जहां आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं. लिहाजा बिहार के लिए कामचलाऊ व्यवस्था कर दी गयी है. बाद में बदलाव पर विचार किया जा सकता है.