Train Cancelled 2025 : यात्रियों के लिए अलर्ट! दिसंबर से गरीब रथ समेत कई ट्रेनें रद्द, यहां देखें पूरी लिस्ट Anant Singh oath : जेल में बंद अनंत सिंह आज विधानसभा में लेंगे शपथ ! जानिए 'छोटे सरकार' को लेकर क्या है ताजा अपडेट Bihar News: बिहार में जल्द होगा ग्रीन फिल्म सिटी का निर्माण, सरकार ने जारी किए निर्देश Patna High Court : पटना हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन, अब नीतीश सरकार से मांगा गया जवाब; जानिए क्या है पूरी खबर Bihar News : पटना में बुलडोजर एक्शन से हड़कंप, झोपड़ियां ध्वस्त और ठेले जब्त कर वसूला गया जुर्माना Bihar News: बिहार के इन ट्रेनों में मिलेगी ATM की सुविधा, अब बिना किसी चिंता के यात्री निकाल सकेंगे कैश Bihar News: बिहार में प्रिंसिपल ने बच्चों की थाली में अंडे रख खिंचवाई तस्वीर, फिर ले लिया वापस; अब DEO ने किया सस्पेंड Bihar electricity rates : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत, जल्द लागू होगा नया स्लैब; ग्रामीणों को लग सकता है झटका Bihar road repair : बिहार में शहरी सड़कों की मरम्मत का नया दौर, एजेंसियां सात साल तक रखेंगी जिम्मेदारी; अब नहीं नजर आएंगे गड्ढे East Central Railway recruitment : दानापुर मंडल ने छह स्टेशनों पर होगी बुकिंग एजेंट की नियुक्ति, आप भी कर सकते हैं आवेदन; जानिए क्या है योग्यता
1st Bihar Published by: Updated Sat, 06 Mar 2021 08:24:01 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : नीतीश सरकार ने राज्य के आईएएस और आईपीएस अफसरों को सख्त चेतावनी दी है. बिहार सरकार ने अफसरों को सांसदों और विधायकों के साथ ठीक से पेश आने की हिदायत दी है. इस संदर्भ में राज्य सरकार ने डीजीपी के साथ सभी विभागों के प्रमुखों, जिलों के डीएम और एसएसपी-एसपी को पत्र जारी किया है.
संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की ओर से जारी पत्र के मुताबिक राज्य के अधिकारियों को बाकायदा प्रोटोकॉल की एक लिस्ट बना कर दी गई है. पत्र में इसका उल्लेख किया गया है कि अफसर सांसद, विधायक, मंत्री या जनप्रतिनिधियों के साथ किस तरीके से पेश आयें. सरकार का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के सम्मान में कोई कोई कमी नहीं आनी चाहिए.
संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी दिशानिर्देश के मुताबिक अफसरों को विनम्रता से पेश आना होगा. उन्हें सरकारी कार्यालयों में आयोजित किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसदों-विधायकों को जरूर बुलाना होगा. प्रोटोकॉल के तहत बैठने की व्यवस्था करनी होगी. जनप्रतिनिधि अगर फोन करें या मैसेज करें तो अधिकारी को तुरंत उसका जवाब देना होगा.
पत्र में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों के सरकारी कार्यालयों में आने-जाने के दौरान अधिकारियों को उनके सम्मान में खड़ा होना चाहिए. उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए. गौरतलब हो कि स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों का व्यवहार ऐसा हो कि विधायिका की छवि धूमिल नहीं हो, उन्हें जनहित और विधायी कार्यों के निष्पादन के लिए अधिकारियों से मिलना-जुलना होता है. फोन पर बात करनी पड़ती है. किंतु कुछ अधिकारियों का व्यवहार अशिष्ट होता है. जिसके कारण विकास के कार्य बाधित होते हैं.