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साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई में पांचवे स्थान पर बिहार, Helpline नंबर 1930 पर अब तक आए 16.40 लाख कॉल

साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई में पांचवे स्थान पर बिहार, Helpline नंबर 1930 पर अब तक आए 16.40 लाख कॉल

30-Dec-2024 05:34 PM

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PATNA: बिहार में साइबर क्राइम काफी बढ़ गया है। साइबर अपराध के खिलाफ बिहार पुलिस की कार्रवाई जारी है। Helpline नंबर 1930 पर शिकायतें भी दर्ज की जा रही है। इस कॉल सेन्टर की स्थापना 2022 में हुई थी तब यह काम कर रहा है। 2022 की तुलना 2024 में जनवरी से नवम्बर तक NCRP Helpline 1930 पर कुल 16.40 लाख कॉल्स प्राप्त हुए। उक्त कॉल्स के आलोक में 15.73 लॉख काल्स का उत्तर दिया गया।जो कि कुल कॉल्स का 96 प्रतिशत है। वर्ष 2024 में साइबर अपराध से संबंधित कॉल को प्राप्त करने एवं इस पर कार्रवाई करने में बिहार राज्य लगातार शीर्षस्थ पाँच स्थानों में रहा है।


आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना साइबर अपराध से संबंधित सभी विषयो के लिए बिहार राज्य में वर्ष 2011 में गठित राज्य स्तर की नोडल इकाई है। साइबर संबंधित विषयो के सुचारू कियान्वयन हेतु लिए आर्थिक अपराध इकाई में पृथक रूप से साईबर इकाई कार्यरत है, जिसमें कई शाखा-NCRP शाखा, NCRP Helpline 1930 कॉल सेन्टर, सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट, साइबर तकनीकी सहायता दल, डिफ्रीजिंग सेक्शन, साइबर टिपलाईन सेक्शन, साइबर फोरेंसिक, साइबर सर्विलांश टीम इत्यादि कार्यरत हैं।


बिहार राज्य में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओ के आलोक में वर्ष 2023 के फरवरी माह में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना में 24X7 संचालित साइबर अपराध रिपोर्टिंग Helpline 1930 कॉल सेन्टर को क्रियाशील किया गया। साथ हीं साइबर अपराध पर प्रभावी कार्रवाई करने हेतु वर्ष 2023 के माह जून में बिहार राज्य के प्रत्येक पुलिस जिला में एक (01) साइबर थाना को अधिसूचित किया गया। वर्तमान में बिहार राज्य के सभी 44 पुलिस जिलों में कुल 44 साइबर थाना कार्यरत है। आर्थिक अपराध इकाई इन सभी साइबर थानों से संबंधित विषयों के लिए राज्य स्तर की नोडल इकाई है।


साइबर क्षेत्र में उपलब्धियां :-

* दिनांक-26 फरवरी 2023 से आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना के परिसर में 24X7 कार्यरत NCRP Helpline 1930 कॉल सेन्टर का संचालन प्रारम्भ किया गया, जिसमें वर्तमान में कुल 05 पुलिस निरीक्षक, 06 पुलिस अवर निरीक्षक एवं 128 सिपाही कार्यरत है, जिनके द्वारा इस कॉल सेन्टर में पालिवार 24X7 उपलब्ध रहकर NCRP Helpline 1930 पर प्राप्त होने वाले कॉल्स का उत्तर देते हुए साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों को दर्ज किया जाता है। वर्तमान में इस कॉल सेन्टर में कुल 30 SIP Connection/Computer System क्रियाशील है। इसके साथ ही गठित एक विशेष समर्पित टीम के द्वारा संबंधित बैंक / वित्तीय प्रतिष्ठानो के साथ समन्वय स्थापित करते हुए धोखाधड़ी की गई राशि को होल्ड भी कराया जाता है।


* इस प्रकार माह फरवरी 2023 में 24X7 कार्यरत NCRP Helpline 1930 के संचालन से साइबर अपराध के मामलों में अंकुश लगाने, साइबर अपराध से संबंधित विषयो की रिपोर्टिंग, साइबर फॉड से संबंधित राशि को होल्ड कराने इत्यादि में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो कि निम्नांकित ऑकड़ो से स्पष्ट है-


* NCRP Helpline 1930 24X7 कॉल सेन्टर की स्थापना के पूर्व बिहार में वर्ष 2022 में (माह जनवरी से नवम्बर तक) NCRP Helpline 1930 पर कुल 3.86 लाख कॉल्स प्राप्त हुये थे, परन्तु उक्त कॉल्स के आलोक में मात्र 20.26 हजार कॉल्स का उत्तर दिया जा सका था, जो कि कुल कॉल्स का मात्र 5. 25 प्रतिशत था।


वहीं, NCRP Helpline 1930 24X7 कॉल सेन्टर की स्थापना के पश्चात वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2024 में (माह जनवरी से नवम्बर तक) NCRP Helpline 1930 पर कुल 16.40 लाख कॉल्स प्राप्त हुये. उक्त कॉल्स के आलोक में 15.73 लॉख काल्स का उत्तर दिया गया, जो कि कुल कॉल्स का 96 प्रतिशत है। वर्ष 2024 में साइबर अपराध से संबंधित कॉल को प्राप्त करने एवं इस पर कार्रवाई करने में बिहार राज्य लगातार शीर्षस्थ पाँच स्थानों में रहा है।


* NCRP Helpline 1930 कॉल सेन्टर के स्थापना के पूर्व माह फरवरी 2023 में NCRP पर साइबर अपराध के कुल 2299 शिकायत प्रतिवेदित किये गये। वहीं NCRP Helpline 1930 24X7 कॉल सेन्टर की स्थापना के पश्चात माह नवम्बर 2024 में NCRP पर 7714 शिकायत प्रतिवेदित किये गये है।


इसी प्रकार माह फरवरी 2023 में जहाँ ऑनलाईन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकायत में प्रतिवेदित राशि 7.41 करोड़ रूपये के विरूद्ध 48.08 लाख रूपये को होल्ड कराई गई थी, जो कि कुल राशि का मात्र 6.48 प्रतिशत था, वहीं माह नवम्बर 2024 में ऑनलाईन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकायत में प्रतिवेदित कुल 40.24 करोड़ की राशि के विरूद्ध कुल 6.74 करोड़ रूपये की राशि होल्ड (बचाया) कराया गया, जो कि कुल प्रतिवेदित राशि का 16.75 प्रतिशत है।


माह फरवरी 2023 में उक्त शिकायतों के आलोक में कुल 49 हजार की राशि रिफन्ड कराई गई थी, वहीं माह नवम्बर 2024 में 47.10 लाख रूपये की राशि को संबंधित पीड़ित को वापस (रिफन्ड) कराई गई है।


* इस प्रकार NCRP पर अब तक (माह नवम्बर 2024 के अंत तक) ऑनलाईन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकायतो में कुल प्रतिवेदित 709.91 करोड़ की राशि के विरूद्ध 100.61 करोड़ की राशि को होल्ड कराया गया है। वहीं 3.96 करोड़ की राशि को संबंधित पीड़ित को वापस (Refund) कराई गई है।


* NCRP पर प्रतिवेदित साइबर अपराध से संबंधित शिकायतो के आलोक में सर्वाधिक प्राथमिकी दर्ज करने में बिहार देश के सभी राज्यो में तीसरे स्थान पर है। बिहार राज्य के विभिन्न जिलो में अब तक साइबर अपराध से संबंधित कुल 6011 कांड प्रतिवेदित किये गये है।


* NCRP पर प्रतिवेदित ऑनलाईन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकायतो में प्रतिवेदित राशियों के विरूद्ध सर्वाधिक राशि होल्ड (होल्ड प्रतिशत के अनुसार) कराने में बिहार देश के शीर्ष राज्यो में लगातार बना हुआ है तथा मुख्य राज्यों में माह जून एवं अगस्त 2024 में पहले स्थान पर रहा है।


* NCRP Helpline 1930 में गठित साइबर सर्विलांस की विशेष समर्पित टीम के द्वारा साइबर अपराध में प्रयुक्त किये गये कुल 14736 मोबाईल नम्बरों तथा 9834 आई.एम.ई.आई. को ब्लॉक कराने हेतु अग्रत्तर कार्रवाई की गई है। साथ हीं, इस विशेष समर्पित टीम के द्वारा साइबर अपराध में प्रयुक्त किये जा रहे Mule Accounts का विश्लेषण किया जाता है एवं बिहार राज्य से संबंधित विभिन्न बैंक शाखाओं, जिसमें सबसे अधिक Mule Accounts प्रतिवेदित हुये है. ऐसे बैंक शाखाओं की सूची भारतीय रिजर्व बैंक से साझा की गई है ताकि उनके स्तर से अग्रतर उचित कार्रवाई की जा सके।


* बिहार में डिजिटल अरेस्ट के अभी तक कुल 301 मामलें NCRP/1930 Helpline पर प्रतिवेदित हुये है, जिसमें लगभग 10 करोड़ की राशि की धोखाधड़ी प्रतिवेदित हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा डिजिटल अरेस्ट के इन मामलों में लगभग 1.5 करोड़ की राशि को होल्ड करवाया गया है।


* आर्थिक अपराध इकाई में समर्पित रूप से साइबर स्लेवरी डेस्क क्रियाशील है। यह डेस्क बिहार राज्य से संबंधित ऐसे व्यक्तियों का सत्यापन करता है. जो कि दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों, जैसे कि लाओस, कम्बोडिया, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैण्ड इत्यादि में वीजा लेकर जाने, परन्तु वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अभी तक स्वदेश नहीं लौटे है। इनमें से कई ऐसे व्यक्ति है, जिनको वहा पर चलाये जा रहे अवैध कॉल सेन्टरो में जबर्दस्ती प्रलोभन या भयादोहन करके भारतीय नागरिको के साइबर अपराध की घटनाओं को कारित किया जा रहा है। इस डेस्क के द्वारा अभी तक बिहार राज्य से संबंधित ऐसे 374 व्यक्तियो की सूची का सत्यापन किया गया/जा रहा है। इसी प्रकार ऐसे ट्रेवेल एजेन्ट्स जो कि इस धंधे में शामिल है, उनको भी चिन्हित किया गया/जा रहा है। इससे संबंधित समेकित सूची को सत्यापनोपरान्त 14C, गृह मंत्रालय, भारत सरकार को दी गई है ताकि गृह मंत्रालय, भारत सरकार के स्तर से अग्रतर कार्रवाई की जा सके।


साइबर प्रहार अभियान (Operation Cyber Prahar) :-

* साइबर अपराधियो की गिरफ्तारी हेतु आर्थिक अपराध इकाई से पुलिस अधीक्षक (साइबर) के निर्देशन में माह जून 2024 से विशेष समकालिन अभियान साइबर प्रहार चलाया जा रहा है, जिसके तहत NCRP Helpline 1930 में गठित साइबर सर्विलांश की विशेष समर्पित टीम के द्वारा बिहार राज्य में साइबर अपराध में प्रयुक्त मोबाईल नम्बरों के संबंध में आसूचना संकलन कर संबंधित जिलो / साइबर थानों को आवश्यक कार्रवाई / गिरफ्तारी हेतु प्रेषित की जाती है। इस विशेष समाकालिन अभियान साइबर प्रहार के तहत वर्ष 2024 में कुल 120 साइबर अपराधियो की गिरफ्तारी संबंधित जिलां के साइबर थानों के सहयोग से आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा प्रतिबिम्ब पोर्टल पर प्राप्त आसूचना का विश्लेषण कर विकसित किये गये विशेष आसूचना के आधार पर की गई है। इसके अतिरिक्त बिहार राज्य में विभिन्न साइबर थाना के द्वारा इस वर्ष कुल 688 साइबर अपराधियो की गिरफ्तारी की गई है।


* आर्थिक अपराध इकाई में कार्यरत साइबर तकनीकी सहायता दल राज्य के सभी थानों में प्रतिवेदित होने वाले साइबर अपराध के कांडो में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए विशिष्ट शाखा है। इसके द्वारा अब तक कुल 2308 साइबर कांडो में तकनीकी सहायता उपलब्ध करवा कर, इन साइबर अपराध के कांडो के उद्भेदन एवं निष्पादन में सहयोग प्रदान किया है।


* आर्थिक अपराध इकाई में 24X7 कार्यरत सोशल मीडिया मोनिटिरिंग एवं पेट्रोलिंग यूनिट दिनांक-15. 03.2024 को प्रारम्भ किया गया था। यह यूनिट 24X7 कार्य करते हुए लगातार सोशल मीडिया का अनुश्रवण करता है एवं किसी प्रकार की विधि विरूद्ध विषय वस्तु के प्रकाश में आने पर अग्रतर विधि-सम्मत कार्रवाई करता है।


इस यूनिट के द्वारा अभी तक कुल 419 मामलों में कार्रवाई की गई है। कुल 205 आपत्तिजनक पोस्टो को Takedown करवाया गया है, 04 Web Pages को ब्लॉक करवाने की कार्रवाई की गई है। कुल 39 प्राथमिकियों दर्ज करवाई गई हैं एवं भ्रामक तथा भड़काउ पोस्ट के संबंध में कुल 171 अलर्ट विभिन्न जिलों को प्रेषित किये गये है। इसके अतिरिक्त यह यूनिट साइबर अपराध से संबंधित जागरूकता हेतु प्रत्येक दिन अपने हैण्डलस पर ई-पोस्टर एवं मैसेज भी प्रसारित करता है।


साइबर जागरूकता अभियान एवं प्रशिक्षण

* साइबर अपराध के मामलो के रोकथाम एवं जनता को जागरूक करने हेतु आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना के द्वारा नियमित रूप से सभी जिला के पुलिस अधीक्षक / साइबर थानों एवं अन्य प्रभागों / प्रतिष्ठानो/संस्थानो के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर बिहार के सभी अनुमंडल/प्रखण्ड/जिला मुख्यालय, स्कूल, कॉलेज में नुक्कड़ सभा, बैनर-पोस्टर, सामाचार पत्रों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से विशेष साइबर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।


* साइबर अपराध के बचाव / सुरक्षा एंव साइबर अपराध से संबंधित मामलों / कांडो में त्वरित अनुसंधान एवं समुचित कार्रवाई हेतु आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना के द्वारा पुलिस पदाधिकारियों / कर्मियो के साथ-साथ न्यायिक सेवा, अभियोजन पदाधिकारी, सीमा सशस्त्र बल एवं अन्य संस्थान / प्रतिष्ठान के पदाधिकारी / कर्मियो को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2024-25 (अब तक) कुल 7315 पदाधिकारियो / कर्मियो को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।


साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा से संबंधित अग्रतर कार्य योजना :-

* साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु भविष्य में बिहार पुलिस मुख्यालय के अन्तर्गत एक समर्पित साइबर प्रभाग के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया जो वर्तमान में विचाराधीन है। * साइबर सुरक्षा पर प्रभावी कार्रवाई हेतु आर्थिक अपराध इकाई में राज्य स्तरीय स्टेट ऑपरेशन सेन्टर की स्थापना का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।


* साइबर अपराध के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर साइबर अपराध से संबंधित कांडो के उमेदन / वैज्ञानिक अनुसंधान में सहायता हेतु हाल ही में सरकार द्वारा 02 साइबर विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (Cyber Forensic Laboratory) को अधिष्ठापित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।


* बिहार राज्य में 14C गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से एक समर्पित साइबर कमाण्डो विंग की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। इसमें बिहार राज्य से चुने गये विभिन्न कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण हेतु IIT, NIT एवं 14C के द्वारा अन्य Empanelled संस्थानों में भेजा जायेगा। जनवरी 2025 में अभ्यार्थियो का स्क्रीनिंग टेस्ट आर्थिक अपराध इकाई में 14C के सहयोग से किया जा रहा है।


* आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा साइबर अपराध एंव साइबर सुरक्षा से संबंधित मामलों में परस्पर सहयोग हेतु वर्ष 2024 में C-DAC पटना के साथ एक MOU पर हस्ताक्षर किया गया था। इसके तत्वधान में आर्थिक अपराध इकाई में साइबर फोरेंसिक टूल्स, साइबर सिक्योरिटी से संबंधित ऐप्स, इत्यादि को विकसित करने हेतु एवं विशेष प्रशिक्षण तथा शोध हेतु, एक रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेन्टर की स्थापना की अनुमति दी गई है। वर्तमान में C-DAC के सहयोग से इस सेन्टर को स्थापित किया जा रहा है।


* साइबर फोरेंसिक की क्षमता वर्द्धन हेतु अतिरिक्त विशेषज्ञ हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का क्रय किया जा रहा है एवं फोरेंसिक वर्कस्टेशन्स की संख्या में वृद्धि की जा रही है। * बिहार राज्य में साइबर इकाईयों को और सशक्त करने हेतु वर्ष 2022 में कुल 405 पदो का सृजन राज्य सरकार के द्वारा किया गया है। इन पदो के आधार पर 1.T. Background के बिहार पुलिस के कर्मियो / पदाधिकारियों का चयन कर इस इकाई में पदस्थापित / प्रतिनियुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है।

Editor : Jitendra Vidyarthi