बिहार पुलिस ने बिहारशरीफ दंगे में बड़े षड्यंत्र के खुलासा का दावा किया: पुलिस का पूरा बयान पढ़िये और खुद समझिये कि क्या साजिश हुई?

बिहार पुलिस ने बिहारशरीफ दंगे में बड़े षड्यंत्र के खुलासा का दावा किया: पुलिस का पूरा बयान पढ़िये और खुद समझिये कि क्या साजिश हुई?

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 दिन पहले ही कह दिया था कि रामनवमी के अवसर पर नालंदा में हुआ दंगा साजिश था। बिहार पुलिस ने आज उसकी पुष्टि कर दी। बिहार की पुलिस ने कहा है कि बिहारशरीफ में हाल की सांप्रदायिक घटना में सोशल मीडिया के माध्यम से षड्यंत्र का पर्दाफाश किया गया है और इसके बाद केस दर्ज किया गया है।


बिहार पुलिस ने इस बाबत न सिर्फ प्रेस कांफ्रेंस किया है बल्कि एक लंबा-चौड़ा प्रेस रिलीज भी जारी किया है। इस प्रेस रिलीज में क्या कहा गया है ये आप खुद देखिये औऱ समझिये कि कहां-कैसे षड्यंत्र हुआ। बिहार पुलिस ने कहा है “आर्थिक अपराध इकाई राज्य में साइबर अपराधों पर प्रभावी रोक-थाम लगाने हेतु बिहार पुलिस की नोडल एजेंसी एवं विशिष्ट इकाई है।


नालन्दा जिलान्तर्गत बिहार शरीफ में रामनवमी पर्व के दौरान एवं इसके पश्चात् साम्प्रदायिक हिंसा की घटना घटी, जिसमें जान-माल की क्षति हुई। इन घटनाओं में Cyber Space में उन्मादपूर्वक धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले संदेशों, अन्य साम्प्रदायिक रूप से आपत्तिजनक संदेशों एवं पोस्टों की दंगा एवं साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने में अहम भूमिका थी। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बिहारशरीफ में उत्पन्न हुई गम्भीर विधि-व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक उन्माद की जाँच हेतु आर्थिक अपराध इकाई में एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया।


बिहार पुलिस ने कहा है- “आर्थिक अपराध इकाई के इस दल के द्वारा बिहारशरीफ जाकर स्थलीय जाँच की गई और विभिन्न स्त्रोतों से Social Media Platform एवं Cyber Space में प्रसारित किये जा रहे सम्वादों एवं सन्देशों का गहन विश्लेषण किया गया, जिन्होंने साम्प्रदायिक हिंसा एवं विधि-व्यवस्था की गम्भीर समस्या को उत्प्रेरित किया था. प्रारम्भिक स्थलीय जाँच एवं संकलित डिजिटल साक्ष्य के आधार पर 15 नामजद अभियुक्तों एवं अन्य संदिग्धों के विरुद्ध आर्थिक अपराध थाना काण्ड संख्या-07/2023, दिनांक 08.04.2023, धारा-153/153A (1) (a) / 153A (1) (b) /153A (1)(c)/297/505 (1)(b) / 505 (1) (c) / 120 (B) भा०द०वि० एवं धारा 66 / 66 (F) IT. Act, 2000 दर्ज कर इसका अनुसंधान प्रारम्भ किया गया है.”


बिहार पुलिस के मुताबिक- “अभी तक के अनुसंधान के क्रम में पता चला कि कुछ Vested Interest Group / संगठनों के द्वारा एक सोचे-समझे एवं सुनियोजित षडयंत्र के तहत रामनवमी जुलूस की आड़ में धार्मिक उन्माद एवं साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने का कार्य किया गया । साइबर / सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से साम्प्रदायिक उन्माद / धार्मिक कटुता तथा एक सम्प्रदाय विशेष के प्रति भ्रामक सन्देशों एवं खबरों को प्रसारित करने में इनकी अहम भूमिका थी.”


पुलिस ने कहा है- “छापामारी के क्रम में 05 नामजद अभियुक्तों 1 मनीष कुमार, पिता- देव नन्दन प्रसाद, 2. तुषार कुमार ताँती, पिता- जितेन्द्र कुमार ताँती, 3. धर्मेन्द्र मेहता, पिता- युगेश्वर प्रसाद, 4. भूपेन्द्र सिंह राणा उर्फ चन्दन सिंह, पिता- राम कृपाल सिंह एवं 5. निरंजन पाण्डेय, पिता- शैलेन्द्र कुमार को गिरफ्तार करने में सफलता मिली.  अभियुक्तों के पास से 05 मोबाइल फोन भी जप्त किये गये हैं, जिनका इस्तेमाल कन्टेंट अपलोड करने के लिए किया गया था. अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु छापामारी की जा रही है.”


पुलिस ने कहा है कि काण्ड के अनुसंधान एवं अग्रेतर कार्रवाई हेतु वरीय पदाधिकारी के निदेशन में एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया है. अनुसंधान के क्रम में सभी सुसंगत डिजिटल साक्ष्यों को संकलित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर काण्ड का गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान सुनिश्चित कराया जाएगा.