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बिहार : पारस अस्पताल में लीवर का सफल ऑपरेशन, सिर्फ 30% लीवर पर जिंदा है कैंसर पीड़ित महिला, डॉक्टरों का दावा- यह बिहार का पहला मामला

1st Bihar Published by: Updated Sat, 26 Feb 2022 05:49:20 PM IST

बिहार : पारस अस्पताल में लीवर का सफल ऑपरेशन, सिर्फ 30% लीवर पर जिंदा है कैंसर पीड़ित महिला, डॉक्टरों का दावा- यह बिहार का पहला मामला

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PATNA : राजधानी पटना स्थित पारस HMRI हॉस्पीटल के डॉक्टरों को बड़ी सफलता मिली है। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने एक 65 वर्षीय महिला के लीवर का सफल ऑपरेशन किया है। महिला का लीवर 70 प्रतिशत खराब हो चुका था। पित्त की थैली में हुए कैंसर के कारण लीवर ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों की टीम ने 6 घंटे के ऑपरेशन के बाद महिला का 70 प्रतिशत लीवर काटकर निकाल दिया, अब मात्र 30 प्रतिशत लीवर पर महिला जिंदा है। पारस अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि यह बिहार का पहला ऐसा मामला हैं, क्योंकि ऐसे मामले देश के लिए भी रेयर है। बिहार में बढ़ती लीवर की समस्यओं को देखते हुए पारस हॉस्पिटल में लीवर क्लीनिक को लांच किया गया है।


बताया जा रहा है कि मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय रजिया खातून को पित्त की थैली का कैंसर था। कैंसर के कारण लीवर भी प्रभावित हो गया था। लीवर के दाएं भाग में खून की सप्लाई एवं पित्त की नली को भी अपनी चपेट में ले लिया था। डॉक्टरों का कहना है कि 60 से 70% लीवर पूरी तरह से खराब हो गया था। पारस HMRI अस्पताल के गैसट्रो सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. नीतिन कुमार ने सर्जरी का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि पीलिया के रहते कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी और बिना कीमोथेरेपी के गांठ का आकार छोटा नहीं किया जा सकता था। ऐसे में डॉक्टरों ने लीवर के बाएं हिस्सा को पीटीबीडी नली द्वारा बाहर की ओर बहाव कर दिया।


जिससे पित्त शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिन में पीलिया कम हो गया। फिर अल्ट्रासाउंड विधि से बॉयोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर तय हो गया। इसके बाद चार साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई। सर्जरी में मरीज का लगभग 70 प्रतिशत लीवर निकाल दिया गया है साथ ही पित्त का नया रास्ता भी बनाकर उसे आंत से जोड़ दिया गया। डॉक्टरों का दावा है कि मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। इस ऑपरेशन में कैंसर सर्जन डॉ. आकांक्षा वाजपेयी भी शामिल रहीं।


 डॉ. नीतिन कुमार ने बताया कि शरीर में लीवर एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद भी यह पुन: विकसित हो जाता है। इसमें एक से दो महीने का समय लगता है। WHO के हवाले से डॉक्टरों ने बताया कि 3% मौत लीवर संक्रमण से होती है। इसमें 10% को बचाया जा सकता है, अगर समय से इलाज किया जाए। उन्होंने बताया कि बिहार में बढ़ती लीवर की समस्या को लेकर पारस हॉस्पिटल में लीवर क्लीनिक लांच किया गया है।


पारस HMRI अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ. एए हई ने बताया कि लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण शराब, डायबिटीज, प्रदूषण, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस हैं। लीवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसलिए लीवर क्लीनिक लांच किया गया है। इसमें लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी हो पाएगी। इस क्लीनिक में जल्द ही लीवर प्रत्यारोपण की सेवा भी उपलब्ध होगी।