PATNA : बिहार में जमीन सर्वे का काम रुका हुआ था। पुराने नियम बहुत जटिल थे, जिससे लोगों को परेशानी हो रही थी। सरकार नए नियमों के साथ सर्वे फिर से शुरू करेगी। नए कानून से सर्वे की प्रक्रिया आसान होगी। लेकिन इस बीच खबर यह है कि सूबे के अंदर राजधानी पटना में भूमि विवाद के सैकड़ों मामले निपटारे के लिए पेंडिंग में हैं। इसके बाद इसको लेकर डीडीसी की अध्यक्षता में चार सदस्य वाली टीम गठित किया है।
दरअसल, राजधानी पटना के अंदर भूमि विवाद के 300 मामले निपटाड़े के लिए निलंबित है मामले का समय पर निपटारा नहीं होने के कारण डीएम ने डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में चार सदस्य कमेटी बनाई है जो 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इसको लेकर अब कमेटी ने जांच भी शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक सबसे पहले पटना सदर डीसीएलआर कोर्ट के दस्तावेज की चारमीनार चल रही है पटना जिले के सबसे अधिक डीसीएलआर कोर्ट में मामले निलंबित है। इसमें मसौढ़ी सबसे ऊपर है यहां 120 मामले तीन मई 2023 से ही लंबित पड़े हैं। पटना सदर डीसीएलआर कोर्ट में 18 ऐसे मामले चिन्हित किए गए हैं जो 4 अप्रैल 2022 से पेंडिंग में है। हालांकि पटना सदर डीसीएलआर कोर्ट में सबसे अधिक 414 केस दर्ज किए गए थे।
मालूम हो कि, पटना जिले के सभी डीसीएलआर कोर्ट में इस वर्ष 1469 केस दर्ज कराए गए थे। जिसमें 948 का ही निपटारा किया गया था। अभी भी 521 मामले निलंबित हैं। लेकिन इसमें से करीब 200 ऐसे मामले हैं जिसमें डीसीएलआर कोर्ट में आदेश पर रखा गया है। हालांकि 300 के करीब मामले लंबे समय से लंबित पड़े हैं।
वहीं,आंकड़ों के मुताबिक लंबित मामले में मसौढ़ी में 120, पटना सिटी में 26, दानापुर में 29, बाढ़ में 10, पटना सदर में 100 और पालीगंज में 14 मामले लंबित है। डीसीएलआर कोर्ट में 90% मामले पारिवारिक कलह के हैं। इसमें भाइयों के बीच आपसी बंटवारा, रास्ता और मकान आदि शामिल है। 10% मामले ही सार्वजनिक मामले को लेकर हैं।
बता दें कि,भूमि विवाद के मामलों का समाधान के लिए राज्य सरकार ने दोस्त की सुविधा प्रदान की है पहले स्तर पर थानों में हर शनिवार को मामले का निपटारा किया जाता है दूसरे स्तर पर सीओ,डीसीएलआर और एडीएम राजस्व के न्यायालयों में मामले का निष्पादन होता है।