PATNA: अस्वाभाविक मौत या हत्या के मामलों में पोस्टमार्टम के लिए बिहार सरकार अंग्रजों के बनाये नियम-कायदे पर चल रही है. केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही पोस्टमार्टम को लेकर नया आदेश जारी किया था. लेकिन बिहार में इस पर अमल नहीं हुआ. अब राज्य सरकार जागी है.
दरअसल पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने राज्य सरकार से पूछा था कि आखिरकार क्यों बिहार में पोस्टमार्टम के नये नियमों के तहत काम नहीं किया जा रहा है. इसके बाद सरकार की नींद टूटी है. नीतीश मिश्रा ने इस बाबत सरकार को पत्र लिखा था. उसके आलोक में बिहार सरकार के गृह विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजा है. स्वास्थ्य विभाग को केंद्र सरकार द्वारा 2021 में ही बनाये गए नियमों के तहत पोस्टमार्टम की व्यवस्था करने को कहा गया है.
बता दें कि अंग्रजों के समय ये नियम बना था कि किसी डेड बॉडी का सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम नहीं होगा. उस समय के हालात ये थे कि अस्पतालों में रोशनी की सही और पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी. ना ही वीडियोग्राफी जैसे संसाधन थे. लिहाजा, पोस्टमार्टम दिन की रोशनी में ही करने का फैसला लिया गया था.
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने सरकार को पत्र लिख कर कहा था कि 2021 में ही केंद्र सरकार ने पोस्टमार्टम को लेकर नया आदेश जारी किया था. 15 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया था अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम किया जा सकता है. जिन अस्पतालों में इसके लिए जरूरी संसाधन हों, वहां रात में भी पोस्टमार्टम की व्यवस्था की जा सकती है. केंद्र सरकार ने कहा था कि कई अस्पतालों में रात में पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया है. राज्य सरकारों को अपने स्तर से जरूरी व्यवस्था करनी चाहिये.
पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने अपने पत्र में कहा था कि केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद बिहार में सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है. जबकि सूबे के सदर अस्पतालों के साथ साथ दूसरे प्रमुख अस्पतालों में रोशनी के साथ साथ दूसरे इंतजाम हैं जिससे कि रात में भी पोस्टमार्टम किया जा सके. नीतीश मिश्रा ने बिहार सरकार से मांग की थी कि वह रात में भी पोस्टमार्टम करने का आदेश तुरंत जारी करे.