PATNA : बिहार में शिक्षक बहाली से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. शिक्षक के नियोजन में दिव्यांगों को आरक्षण देने का रास्ता साफ होने के साथ सब बहाली प्रक्रिया शुरू हो सकती है. नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में आज जवाब देकर कहा है कि वह दिव्यांगों को 4 फ़ीसदी आरक्षण देने को तैयार है. बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पटना हाईकोर्ट में कहा है कि सरकार दिव्यांगों को 4 फ़ीसदी आरक्षण देने के लिए तैयार है. एडवोकेट जनरल ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा है कि राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर आश्वासन दिया है कि दिव्यांग उम्मीदवारों को 4 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.
आपको बता दें कि शिक्षक नियोजन को लेकर ब्लाइंड एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी और बहाली में दिव्यांगों के लिए 4 फ़ीसदी आरक्षण सुनिश्चित कराने की मांग पटना हाईकोर्ट में रखी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सरकार ने पूरी बहाली प्रक्रिया को ही रोक रखा था. पटना हाईकोर्ट में आज एडवोकेट जनरल की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई कि सरकार अब दिव्यांगों को 4 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ देने के लिए तैयार है.
बिहार में लगातार शिक्षक बहाली का मामला उठ रहा था. पिछले दिनों शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा था कि वह शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन मामला हाईकोर्ट में फंसा हुआ है. विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि अगर हाईकोर्ट आज मंजूरी दे दे तो हम शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को तुरंत आगे बढ़ा देंगे.
एडवोकेट जनरल ने चीफ जस्टिस से कहा कि इस साल मार्च महीने में ही मामले की सुनवाई तय थी लेकिन होली की छुट्टी और कोरोना वायरस के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. जिसके कारण शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया अब तक नहीं हो पाई है. महाधिवक्ता ने चीफ जस्टिस से इस मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया है. हाईकोर्ट में उनकी तरफ से बताया गया है कि याचिकाकर्ताओं की मांग सरकार ने मान ली है. इसलिए अब पूरी बहाली को रोके रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है.
यह पूरा मामला लगभग सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. जिसके लिए आवेदन भी जमा किए जा चुके हैं. लेकिन मामला हाईकोर्ट पहुंचने के कारण प्रक्रिया बाधित हो गई. अब सरकार ने हाईकोर्ट में जो जानकारी दी है. उसके बाद हाईकोर्ट की तरफ से इस मामले पर अगले आदेश का इंतजार हो रहा है.