करेक्टर सर्टिफिकेट के बिना बिहार में कांट्रेक्ट पर भी नहीं मिलेगी नौकरी, नीतीश सरकार जांच का जिम्मा पुलिस को दिया

करेक्टर सर्टिफिकेट के बिना बिहार में कांट्रेक्ट पर भी नहीं मिलेगी नौकरी, नीतीश सरकार जांच का जिम्मा पुलिस को दिया

PATNA : बिहार में अब कॉन्ट्रैक्ट पर नियोजन के लिए भी चरित्र सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। जी हां, कैरेक्टर सर्टिफिकेट के बगैर आपको बिहार में कांटेक्ट पर भी नौकरी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार ने जो फैसला किया है उसके मुताबिक किसी तरह के नियोजन के दौरान उम्मीदवार को खुद सारी जानकारी मुहैया करानी होगी। अगर किसी उम्मीदवार ने अपने ऊपर दायर आपराधिक मामले को छुपाया तो उसे कदाचार माना जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे जुड़ा आदेश सभी विभागों के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी कर दिया है। 


संविदा पर नियोजन के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों को सत्यापन का फॉर्म खुद भरना होगा। इसमें उन्हें पूरी तरह से सही जानकारी देनी होगी। अभ्यर्थी को अपने ऊपर दर्ज अपराधिक मामलों की सूचना सही-सही देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उसे कदाचार माना जाएगा। फॉर्म को सत्यापन के लिए संबंधित डीएम के माध्यम से पुलिस के पास भेजा जाएगा। चरित्र सत्यापित होने के बाद ही सक्षम नियुक्ति प्राधिकार की इजाजत से नियोजन की कार्रवाई की जाएगी। 


बिहार में पदाधिकारियों और कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति के मामले में साल 2006 में अनुशंसित अभ्यर्थियों के लिए इस तरह की व्यवस्था पहले से लागू है। इसमें नियुक्ति के पहले कैरेक्टर का सत्यापन कराया जाता है। संविदा आधारित अलग-अलग पदों पर नियोजन के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों के चरित्र सत्यापन कराने का मामला राज्य सरकार के पास विचाराधीन था और अब इसे लागू कर दिया गया है।