बिहार में मंडराया बाढ़ का खतरा, कोसी ने तोड़ा 35 सालों का रिकॉर्ड; मंत्री ने दी अलर्ट रहने की सलाह

बिहार में मंडराया बाढ़ का खतरा, कोसी ने तोड़ा 35 सालों का रिकॉर्ड; मंत्री ने दी अलर्ट रहने की सलाह

SUPAUL : बिहार के कोसी क्षेत्र में एक बार फिर से बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। कोसी नदी में 35 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।कोसी बराज से 6 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे इलाकों में भारी तबाही आ सकती है। साथ ही इससे कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। ऐसे में सुपौल डीएम ने जिले के सभी मुखिया को फोन कर अलर्ट कर दिया है। तटबंध के भीतर बसे लोगों को इलाका खाली करने का निर्देश दिया गया है। 


वहीं, तटबंध के आसपास के लोगों को भी सचेत करते हुए सभी सीओ और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे क्षेत्र में बने रहने और तटबंधों की निगरानी का निर्देश दिया गया है। इस बीच जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर लोगों को बाढ़ के खतरे से सचेत रहने और जरूरत पड़ने पर टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करने की अपील की है। विभाग की ओर से जारी टोल फ्री नंबर 1800 3456 145 है। यह दिन रात काम करेगा।


मालूम हो कि, इससे पहले भी विभिन्न चरणों में नेपाल और तराई वाले हिस्सों में हुई बारिश की वजह से कोसी बैराज से पानी छोड़ा गया था। मगर वर्तमान समय में  छोड़ा गया पानी बिहार को बाढ़ की चपेट में ले जाने के लिए काफी है। पहले से ही बरसात की वजह से गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है। ऐसे में बिहार में बाढ़ के निश्चित खतरे को देखते हुए जल संसाधन विभाग की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं। तमाम अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। 


उधर,गोपालगंज में भी हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। वाल्मीकि नगर बाराज से 2 लाख 93 हजार 6सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी कुछ घंटे के बाद गोपालगंज में पहुंचेगा। लेकिन इसके पहले ही गोपालगंज में बाढ़ जैसे हालात हैं। तीन दिनों पहले वाल्मीकि नगर बराज से जो 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था, वह अभी भी गोपालगंज में गंडक के निचले इलाके में मौजूद है। जिसकी वजह से गोपालगंज के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही जगह-जगह पर नाव की व्यवस्था की गई है। ताकि लोगों को आवागमन में कोई असुविधा न हो।