बड़ी खबर: बिहार में किताब दुकानों को खोलने की मंजूरी मिली, बिजली पंखे की दुकानें भी खुलेंगी

बड़ी खबर: बिहार में किताब दुकानों को खोलने की मंजूरी मिली, बिजली पंखे की दुकानें भी खुलेंगी

PATNA: बिहार सरकार ने सूबे में किताब दुकानों को खोलने की मंजूरी दे दी है. बिहार सरकार के गृह विभाग ने आज ये आदेश जारी कर दिया. सूबे में बिजली पंखे की दुकानों को खोलने की मंजूरी दे दी गयी है. हालांकि दुकानदारों को कई शर्तों का पालन करना पड़ेगा.



बिहार के गृह विभाग ने जारी किया आदेश

बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने आज जारी अपने पत्र में कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 21 अप्रैल से शैक्षणिक किताबों और बिजली के पंखे की दुकानों को खोलने का आदेश दिया था. लेकिन बिहार में कई जिलों के अधिकारियों ने दुकानें खुलने पर कोरोना के प्रसार की आशंका जतायी थी. बिहार के अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा के सारे प्रबंध होने के बाद ही दुकानों को खोलने की मंजूरी दी जानी चाहिये.

गृह विभाग ने आज के अपने आदेश में कहा है कि अब जिले के जिलाधिकारी किताब और बिजली पंखे की दुकानों को खोलने की मंजूरी देंगे. लेकिन उनके लिए कई शर्तें लागू रहेंगी. गृह विभाग ने उन शर्तों को भी बताया है. आप भी नजर डालिये क्या होंगी किताब और पंखे की दुकानों के लिए शर्तें.

•    कई जगहों पर किताब और बिजली पंखे की ढ़ेर सारी दुकानें आस-पास अवस्थित हैं. प्रशासन ऐसा प्रबंध करेगा जिससे दुकानों पर भीड़ नहीं हो. इसके लिए अगल बगल की दुकानों को अल्टरनेट डे पर खोलने की अनुमति दी जा सकती है. यानि एक दुकान अगर आज खुलेगी तो बगल की दुकान अगले दिन. उसी तरह दुकानों के खुलने का समय तय होगा. अगर एक दुकान सुबह में खुलेगी तो दूसरी दुकान शाम में.


•    सारी दुकानों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर व्यवस्था होगी. यानि दुकानों के आगे सफेद पेंट से घेरा बनाया जायेगा. जिससे कि खरीददार पर्य़ाप्त दूरी बनाकर रहेंगे.

•    दुकानदार और ग्राहक दोनों मास्क पहन कर ही रहेंगे. वहीं दुकानदार ग्लब्स पहन कर ही किताब देंगे और पैसा लेंगे. दुकानदार को अपनी दुकान पर हैंड सेनेटाइजर का प्रबंध भी करना होगा.

•    दुकानदार ग्राहकों से फोन पर आर्डर लेकर किताबों की होम डिलेवरी करने का भी प्रबंध करेंगे.

•    सभी जिलों के डीएम, एसपी और दूसरे पदाधिकारी स्थिति की समीक्षा कर कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.