"रस्सी जल जाई लेकिन ऐंठन ना जाए"..बंगला खाली करने को लेकर आरजेडी के विरोध पर गिरिराज सिंह ने कसा तंज रोसड़ा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी उपेंद्र नाथ वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की नकदी-ज्वेलरी बरामद IAS संजीव हंस के करीबी ठेकेदार रिशुश्री पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 9 ठिकानों पर रेड में 33 लाख कैश बरामद बिहार की 10 लाख महिलाओं को इस दिन मिलेंगे 10-10 हजार रुपये, बाकी लाभार्थियों को कब आएगा पैसा जानिये? PATNA: श्वेत कान्ति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती, राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया गया BIHAR: आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद अजय निषाद आरोप मुक्त, MP-MLA कोर्ट से 6 साल बाद मिली बड़ी राहत BIHAR: PACS की मांग पर सरकार का सकारात्मक रुख, ब्याज-मुक्त अवधि 2 से 6 माह करने पर विचार एक्शन में BJP विधायक: मिड डे मील में गड़बड़ी को लेकर प्रधानाध्यापक की लगाई फटकार, कहा..मैं भी इसी समाज से आता हूं, बख्शूंगा नहीं Bihar Ias Officer: बिहार के 16 DM समेत 37 IAS अफसर जा रहे 25 दिनों की ट्रेनिंग में, पूरी लिस्ट देखें.... बेटे को मंत्री बनाने पर उपेंद्र कुशवाहा का भारी विरोध, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ सहित कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
1st Bihar Published by: Updated Sat, 26 Oct 2019 08:27:20 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में जमीन से जुड़े मामलों के लिए अब ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जाएगी। विदेश सरकार ने जमीन के दाखिल खारिज, जमाबंदी, लगान और रजिस्ट्री से जुड़े शिकायतों में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। राजस्व विभाग ने इसके लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का निर्देश जारी कर दिया है।
नीतीश सरकार का नक्शा जमीन से जुड़े मामलों में अफसरों और सरकारी कर्मचारियों की मनमानी को रोकते हुए उनकी कार्यशैली सुधारने का है। सरकार का मकसद है कि ऑनलाइन कंप्लेन सिस्टम के जरिए लोगों को तय समय सीमा के बीच और पारदर्शी तरीके से निदान मिल जाए। सरकार इस बात को लेकर परेशान है कि म्यूटेशन में दस्तावेजों की गड़बड़ियों की बड़ी तादाद में शिकायतें मिल रही हैं। म्यूटेशन को सुधारते हुए जारी किए गए शुद्धि पत्र में भी गलतियां रहती हैं जिसकी वजह से परेशानी और बढ़ती है।
राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन कंप्लेन सिस्टम के लिए प्लेटफार्म डेवलप करने का निर्देश दिया है साथ ही साथ अनुमंडल स्तर पर भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय को भी ऑनलाइन करने का फैसला लिया गया है। सरकार की तरफ से की जा रही इस सारी कवायद के पीछे अंचल अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी और भूमाफिया के साथ उनकी मिलीभगत पर अंकुश लगाना है।