PATNA : बिहार में ब्लैक फंगस के कहर से जूझ रहे मरीजों के सामने नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है. पटना के जिन दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है वहां दवायें खत्म हो गयी है. लिहाजा मरीजों के परिजनों को खुद दवा का इंतजाम करने को कहा जा रहा है. पटना एम्स में दवा कमी के कारण मरीजों की भर्ती रोक दी गयी है. ऐसे में दोनों अस्पतालों में पहले से भर्ती तकरीबन 170 मरीजों के साथ साथ नये मरीजों की जान पर आफत आ खडी हुई है.
पटना के IGIMS के साथ एम्स में ब्लैक फंगस की दवा बुधवार को खत्म हो गयी. लिहाजा अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को खुद दवा लाने को कहा गया. मरीजों के परिजन दवा के लिए पटना की दुकानों में भटकते रहे. कुछ लोगों को गोविंद मित्रा रोड की दुकानों में कुछ दवायें मिली लेकिन ज्यादा मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो पायीं. सबसे ज्यादा मुसीबत में वे मरीज हैं जिनका ऑपरेशन हो चुका है. ऐसे दो दर्जन से ज्यादा मरीज एम्स औऱ आईजीआईएमएस में भर्ती हैं.
आईजीआईएमएस में भर्ती ब्लैक फंगस के एक मरीज के परिजन संजय सिंह ने जानकारी दी कि उनके चाचा चार दिनों से इस अस्पताले में भर्ती हैं. बुधवार को उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में सरकार की ओऱ से दी गयी दवा खत्म हो गयी है. इसलिए वे खुद अपने स्तर से दवा का इंतजाम करें. संजय सिंह ने बताया कि वे दवा के लिए भटक रहे हैं लेकिन बाजारल में दवा नहीं मिल रही है.
एम्स में मरीजों की भर्ती बंद
उधर पटना एम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दिया गया है. एम्स में ईएनटी विभाग की प्रमुख डॉ क्रांति भावनाने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए सरकार ने जो दवायें उपलब्ध करायी थीं वह मंगलवार को ही खत्म हो गयी हैं. जब दवा ही नहीं है तो मरीजों का इलाज कैसे किया जायेगा. इसलिए मरीजों की भर्ती रोक दी गयी है. दवा आने के बाद मरीजों को फिर से एडमिट करना शुरू किया जायेगा.