समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!
1st Bihar Published by: Saif Ali Updated Sun, 22 Sep 2019 07:45:00 PM IST
MUNGER : बिहार में भीषण बाढ़ से तबाही मची हुई है. गंगा, कमला, गंडक और कोसी नदी उफान पर है. पूर्वी और उत्तर बिहार के दर्जनों जिलों में तबाही का मंजर है. इसी बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है. जिसने लोगों आश्चर्य में डाल दिया. मुंगेर से सामने आई इस वीडियो में देखा जा रहा है कि एक साथ 50 की संख्या में भैंस गंगा की धारा में बहती हुई नजर आ रही हैं. तस्वीर जितनी भयावह है, वीडियो में दिख रही भैंस उतनी ही लाचार हैं.
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर नीचे बह रही है. ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. भीषण बाढ़ में आज कई लोग डूबते-डूबते बच गए लेकिन आंखों के सामने 50 से अधिक भैंस गंगा की तेज धार में बह गईं. मवेशी के मालिक ने बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन नदी की तेज धारा में वह एक भी भैंस को नहीं बचा पाया. हालांकि आपदा और राहत बचाव कार्य के गोताखोरों की मदद से मालिक को सुरक्षित उफनती नदी से बाहर निकाला गया. घटना को लेकर गोताखोर जितेंद्र कुमार सहनी और राज रमन राय ने बताया कि जितिया पर्व को लेकर बबुआ घाट में हजारों की तादाद में महिलाएं स्नान कर रही थीं. इस दौरान 50 से अधिक की संख्या में भैंस गंगा में तैरते हुए आ रही थीं. बबुआ घाट के किनारे महिलाओं की भीड़ देखकर भैंस डरकर किनारे की बजाये बीच धारा में चली गईं.
नदी में तेज धार होने के कारण भैंस वापस नहीं आ पाई और वह बहने लगीं. किसान गंगा में अपनी बहती भैंस को देखकर उन्हें बचाने गया लेकिन एक भी भैंस को बचाया नहीं जा सका. लोगों ने ही बताया कि भैंस के छोटे-छोटे बच्चे कस्टहरनी घाट में ही डूब गए.