MUNGER : बिहार में भीषण बाढ़ से तबाही मची हुई है. गंगा, कमला, गंडक और कोसी नदी उफान पर है. पूर्वी और उत्तर बिहार के दर्जनों जिलों में तबाही का मंजर है. इसी बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है. जिसने लोगों आश्चर्य में डाल दिया. मुंगेर से सामने आई इस वीडियो में देखा जा रहा है कि एक साथ 50 की संख्या में भैंस गंगा की धारा में बहती हुई नजर आ रही हैं. तस्वीर जितनी भयावह है, वीडियो में दिख रही भैंस उतनी ही लाचार हैं.
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर नीचे बह रही है. ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. भीषण बाढ़ में आज कई लोग डूबते-डूबते बच गए लेकिन आंखों के सामने 50 से अधिक भैंस गंगा की तेज धार में बह गईं. मवेशी के मालिक ने बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन नदी की तेज धारा में वह एक भी भैंस को नहीं बचा पाया. हालांकि आपदा और राहत बचाव कार्य के गोताखोरों की मदद से मालिक को सुरक्षित उफनती नदी से बाहर निकाला गया. घटना को लेकर गोताखोर जितेंद्र कुमार सहनी और राज रमन राय ने बताया कि जितिया पर्व को लेकर बबुआ घाट में हजारों की तादाद में महिलाएं स्नान कर रही थीं. इस दौरान 50 से अधिक की संख्या में भैंस गंगा में तैरते हुए आ रही थीं. बबुआ घाट के किनारे महिलाओं की भीड़ देखकर भैंस डरकर किनारे की बजाये बीच धारा में चली गईं.
नदी में तेज धार होने के कारण भैंस वापस नहीं आ पाई और वह बहने लगीं. किसान गंगा में अपनी बहती भैंस को देखकर उन्हें बचाने गया लेकिन एक भी भैंस को बचाया नहीं जा सका. लोगों ने ही बताया कि भैंस के छोटे-छोटे बच्चे कस्टहरनी घाट में ही डूब गए.