PATNA : साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना था। चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने जब रोजगार की बात शुरू की तो एनडीए भी इसी पिच पर उतर आई थी। भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू दोनों ने बिहार में रोजगार का वादा किया था लेकिन अब डेढ़ साल बाद रोजगार को लेकर सरकार की तरफ से किया गया वादा बेअसर नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में बेरोजगारों की तादाद पहले से ज्यादा बढ़ी है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में रोजगार मांगने वाले युवाओं की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। बेरोजगारी को लेकर ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने में ही राज्य के 34 हजार 217 लोगों ने रोजगार मांगा है जबकि अब तक राज्य के 14 लाख 32 हजार से अधिक बेरोजगारों ने रोजगार के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है।
साल 2015-16 से बेरोजगारों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर मिली हुई है। पहले साल में बिहार के केवल 5152 बेरोजगारों ने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके बाद वाले साल में ऐतिहासिक रूप से बेरोजगारों का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुआ। साल 2016-17 में 6 लाख 5 हजार 380 बेरोजगारों ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद 2017-18 में एक लाख 53 हजार 702 जबकि साल 2018-19 में एक लाख 43 हजार 854 बेरोजगारों ने पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड किया। साल 2019-20 में एक लाख 18 हजार 813 बेरोजगारों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया। कोरोना महामारी की वजह से साल 2020-21 में संख्या कम हुई और केवल 66 हजार 73 बेरोजगारों ने ही पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करवाया।
लेकिन कोरोना का असर जैसे ही कम हुआ कि साल 2021-22 में 3 लाख 5 हजार 683 बेरोजगारों ने रजिस्ट्रेशन कराए जो हाल के वक्त में सबसे ज्यादा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती दो महीने में ही 34 हजार से अधिक बेरोजगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इन आंकड़ों के मुताबिक अब तक 14 लाख से अधिक रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या बिहार में खड़ी है। इनमें 11 लाख 17 हजार 993 पुरुष हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 2244 महिलाएं शामिल हैं।