Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 15 Nov 2024 09:29:43 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर शराब से जुड़ा कोई भी काम करना गैरकानूनी माना जाता है। इसके रोकथाम को लेकर कठोर सजा का भी प्रावधान है। लिहाजा कई लोगों को अरेस्ट भी किया जाता है और फिर उन्हें अदालत के समक्ष पेश भी किया जाता है। अब इस मामले में अदालत से जुड़ीं एक बड़ी खबर सामने आई है।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने एक पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ जारी किए गए डिमोशन के आदेश को रद्द करते हुए बिहार के शराबबंदी कानून पर गंभीर टिप्पणियां की हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शराबबंदी कानून बिहार में शराब और अन्य अवैध सामानों की तस्करी को बढ़ावा दे रहा है। कोर्ट ने कहा कि बिहार प्रोहिबिशन एंड एक्साइज एक्ट, 2016 को राज्य सरकार द्वारा नागरिकों के जीवन स्तर और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने के उद्देश्य से लागू किया था, लेकिन यह कानून कई कारणों से इतिहास की गलत दिशा में चला गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह फैसला न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह द्वारा 29 अक्टूबर को सुनाया गया था और 13 नवंबर को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर फैसला अपलोड किया गया। कोर्ट का यह फैसला मुकेश कुमार पासवान द्वारा दायर की गई याचिका के जवाब में आया। न्यायमूर्ति सिंह ने अपने फैसले में कहा, "पुलिस, एक्साइज, राज्य वाणिज्यिक कर और परिवहन विभागों के अधिकारी इस शराबबंदी का स्वागत करते हैं, क्योंकि उनके लिए यह कमाई का जरिया है। शराब तस्करी में शामिल बड़े व्यक्तियों या सिंडिकेट ऑपरेटरों के खिलाफ बहुत कम मामले दर्ज होते हैं।
वहीं, शराब पीने वाले गरीबों या नकली शराब के शिकार हुए लोगों के खिलाफ अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं। यह कानून मुख्य रूप से राज्य के गरीब लोगों के लिए ही मुसीबत का कारण बन गया है।" सिंह ने आगे कहा, "शराबबंदी कानून की कड़ी शर्तें पुलिस के लिए एक सुविधाजनक उपकरण बन गई हैं। पुलिस अक्सर तस्करों के साथ मिलीभगत में काम करती है। कानून से बचने के लिए नए तरीके विकसित किए गए हैं।"
आपको बता दें कि याचिकाकार्ता मुकेश कुमार पासवान पटना बाईपास पुलिस स्टेशन में स्टेशन हाउस ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे। उन्हें इसलिए निलंबित कर दिया गया था क्योंकि राज्य के एक्साइज अधिकारियों ने उनके स्टेशन से लगभग 500 मीटर दूर छापेमारी की थी और विदेशी शराब जब्त किए थे।उन्होंने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अदालत का रुख किया।