बिहार की एक लोकसभा सीट पर 20 उम्मीदवारों का पर्चा खारिज: तीसरे चरण में कुल 42 कैंडिडेट का नॉमिनेशन रद्द

बिहार की एक लोकसभा सीट पर 20 उम्मीदवारों का पर्चा खारिज: तीसरे चरण में कुल 42 कैंडिडेट का नॉमिनेशन रद्द

PATNA:  लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग के लिए आज बिहार की पांच सीटों पर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के पर्चा की जांच की गयी. एक लोकसभा सीट पर नॉमिनेशन करने वाले 20 उम्मीदवारों का पर्चा खारिज कर दिया गया. पांच सीटों पर कुल मिलाकर 42 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द कर दिया गया है.


बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर 7 मई को होने वाली तीसरे चरण की वोटिंग होनी है. इन सीटों में अररिया, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया शामिल हैं. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी, शपथ पत्र नहीं लगाने या चुनाव अधिकारी के सामने प्रस्तावक को पेश नहीं करने जैसे कारणों से 42 उम्मीदवारों का नॉमिनेशन कैंसिल कर दिया गया है. 


अररिया में 20 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक अररिया लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 20 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. अररिया के डीएम इनायत खान ने मीडिया को बताया कि अररिया सीट के लिए 29 कैंडिडेट ने 40 सेट में नामांकन किया था. कैंडिडेट या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों के सामने नॉमिनेशन पेपर की जांच की गई. जिनका पर्चा खारिज किया गया उन सबको पक्ष रखने का मौका दिया गया. 


उधर, झंझारपुर और मधेपुरा सीट पर 7-7 उम्मीदवारों के नामांकन का पर्चा रद्द कर दिया गया है. वहीं, सुपौल सीट पर 5 और खगड़िया सीट पर 3 कैंडिडेट का नामांकन पत्र रद्द हो गया है. तीसरे चरण के मतदान वाली पांच सीटों पर अब कुल 54 उम्मीदवार मैदान में हैं. सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन है और अगर इनमें कोई अपना नाम वापस नहीं लेता है तो इन सबका लड़ना तय है.


चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक जिन उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हुआ है उनमें ज्यादातर निर्दलीय चुनाव मैदान में खड़े होने पहुंचे थे. बिहार में लोकसभा चुनाव में अब हुए तीन चरणों के नामांकन में तीसरे चरण में सबसे ज्यादा उम्मीदवारों का नामांकन रद्द किया गया है. पहले चरण में 33 कैंडिडेट का पर्चा रद्द हुआ था जिसमें औरंगाबाद में 12, नवादा में 9, गया में 7 और जमुई में 5 शामिल थे। गया में एक कैंडिडेट ने पर्चा वापस ले लिया था जिसके बाद 19 अप्रैल को मतदान में 38 कैंडिडेट बचे थे.


वहीं, दूसरे चरण के मतदान के लिए कुल 31 नामांकन रद्द हुए थे. इसमें कटिहार में 10, बांका में 9, भागलपुर में 8 और पूर्णिया में 4 थे. अब तक किशनगंज एकमात्र ऐसी सीट है, जहां नामांकन करने वाले किसी उम्मीदवार का नामांकन रद्द नहीं हुआ. किशनगंज में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं. 


बिहार में कुल 5 सीटों पर वोटिंग होनी है, जिसमें पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज और बांका शामिल है. दूसरे चरण में पांच लोगों ने नामांकन वापस ले लिया था. पांच सीटों पर कुल 50 कैंडिडेट मैदान में हैं. उनकी किस्मत का फैसला 26 अप्रैल को होना है.