बिहार : बॉयफ्रेंड ने प्रेमिका को बनाया कॉल गर्ल, सेक्स रैकेट में पकड़ी गई, बोली- ग्राहक से एक रात का 5 हजार लेता था प्रेमी

बिहार : बॉयफ्रेंड ने प्रेमिका को बनाया कॉल गर्ल, सेक्स रैकेट में पकड़ी गई, बोली- ग्राहक से एक रात का 5 हजार लेता था प्रेमी

PATNA : पुलिस ने सेक्स रैकेट के एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसे जानकार आप हैरान रहे जायेंगे. दरअसल बिहार की एक लड़की जिस्मफरोशी के धंधे में गिरफ्तार हुई है. प्रेमिका से कॉल गर्ल बनने तक की सफर की पूरी कहानी आरोपी लड़की ने पुलिस को सुनाई है. उसने पुलिस को बताया है कि आखिरकार किस तरह उसके प्रेमी ने प्यार का नाटक और शादी का झांसा देकर जिस्म व्यापार के दलदल में उतार दिया. 


मामला दिल्ली का है, जहां बिहार की एक लड़की सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है. इस लड़की ने नोएडा पुलिस को बताया कि शादी करने और साथ रहने का झूठा वादा कर उसका प्रेमी बिहार से उसे दिल्ली भागा लगा. प्रेमी ने शादी भी नहीं किया और उसने कई दिनों तक उसका यौन शोषण भी किया. पहले उसने खुद दरिंदगी की और फिर उसने पैसे कम होने पर जिस्मफरोशी के दलदल में उसे धकेल दिया. 


गौरतलब हो कि नोएडा पुलिस दो दिन पहले ही सेक्टर 12 में स्थित एक होटल में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया. पुलिस ने यहां से 7 लड़कों  को अरेस्ट किया. इसके साथ ही कई लड़कियों को भी हिरासत में लिया गया. उसी में से एक लड़की बिहार की रहने वाली है. जिस लड़की ने नोएडा पुलिस को इश्क और बेवफाई की आपबीती सुनाई. उसने पुलिस को बताया कि ऑनलाइन कस्टमर को फोटो भेजा जाता था और एक कस्टमर से 1000 से 5000 रुपये तक वसूले जाते थे.


नोएडा पुलिस को उस होटल में बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें और आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं. पुलिस ने लड़कों को जेल भेज दिया. जिस होटल में देह व्यापार चल रहा था, वो दरअसल एक घर था. कुछ लोगों ने मिलकर कुछ महीने पहले इसे होटल चलाने के नाम पर किराए पर लिया गया और होटल चलाने की बजाय देह व्यापार करने लगे. यहां लड़के-लड़कियां देह व्यापार के लिए ही आते थे. पुलिस को कई दिन से इसकी भनक लग रही थी.


एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि ये एक ऑन डिमांड सेक्स रैकेट था जो कई दिनों से चल रहा था. लड़कियों की तस्वीरें व्हाट्स एप से भेजी जाती थी. पुलिस के ही दो लोग ग्राहक बनाकर भेजे गए और दलालों ने फोटो दिखाकर लड़कियों को सेलेक्ट करने को कहा. ये लड़कियां 500 से 5000 तक में उपलब्ध कराई जाती थीं.