PATNA :बिहार सरकार 3.5 लाख शिक्षकों पूरे वेतन की मांग केन्द्र सरकार से करने जा रही है। कोरोना की रोकथाम के लिए किए गये लॉकडाउन की वजह से बिहार की वित्तीय हालात कमजोर हुई है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार शिक्षकों के पूरे वेतन की मांग की केन्द्र सरकार से करेगी। 20 मई को केन्द सरकार के समक्ष राज्य सरकार ये प्रस्तावित बजट रखेगी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए शिक्षा विभाग खासतौर पर समग्र शिक्षा अभियान के तहत सभी जरूरतों के लिए बजट तैयार करने की कवायद शुरू हो गयी है़ 20 मई को केंद्र के समक्ष यह बजट प्रस्तावित किया जायेगा। नियमों के मुताबिक अभी समग्र शिक्षा के तहत नियोजित शिक्षकों के वेतन में केंद्र और राज्य की जवाबदेही क्रमश: 60:40 के अनुपात में होती है। बिहार में समग्र शिक्षा के तहत शिक्षकों की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक है। राज्य और केंद्र के बीच वेतन संबंधी मामलों में यह पहले से निर्धारित नियम है फिलहाल राज्य सरकार शिक्षकों के वेतन भुगतान के मामले में पूरी जवाबदेही केंद्र के पक्ष करने के हर संभव प्रयास करेगी।
वित्तीय वर्ष में चूंकि एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षक की सैलरी का अतिरिक्त भार भी केंद्र को उठाना पड़ेगी़ इसलिए उसकी चिंताएं और बढ़ गयी हैं।आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 में और 2018-19 में समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत क्रमश: 89 और 85 हजार कार्यरत शिक्षकों के वेतन की स्वीकृति की भी मांग करेगा। इसका भुगतान राज्य सरकार ने खुद किया है।बता दें कि शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इन शिक्षकों के वेतन स्वीकृति की मांग 28 अप्रैल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ हुई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान की थी।