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PATNA: राजधानी पटना में बिहार का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर लंबे समय के बाद अब बनकर तैयार हो चुका है। इस मंदिर से पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी लाभ मिलने वाला है। पटना में श्रीराधा बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर को तैयार होने में लगभग 12 साल लग गया। इस मंदिर में 84 कमरे और 84 पिलर बने हुए है। वहीं, कल मंदिर का विधिवत तरीके से उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। इस मंदिर के उद्घाटन के लिए पांच दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसमें आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम मे हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है।
100 करोड़ की लागत से बनी मंदिर
इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि 2007 में मंदिर का भूमिपूजन किया गया था। उस समय कार्यक्रम में देश विदेश से कृष्ण भक्त शामिल हुए थे। मंदिर निर्माण का काम साल 2010 में शुरू किया गया था। भक्तों की मांग थी की मंदिर को शहर के बीचो बीच बनाया जाएगा। लोगो की आस्था को देखते हुए मंदिर को पटना के बुद्धमार्ग पर बनाया गया है। इतने मंदिर को तैयार करने में तकरीबन 100 करोड़ खर्च किए गए हैं। इस्कॉन मंदिर का निर्माण ऐतिहासिक द्वारिकाधीश मंदिर की तर्ज पर किया गया है। मंदिर में 84 कमरे है, इनकी लंबाई और चौड़ाई भी 84 फीट है और मंदिर की उच्चाई 108 फीट है। इस मंदिर को सेमी अंडर ग्राउंड में तैयार किया गया है।
बांके बिहारी की लीलाओं का प्रदर्शन
मंदिर में प्रसाद तैयार करने के लिए एक मॉडर्न किचन भी बनाया गया है। यहां अत्याधुनिक उपकरणों के साथ बांके बिहारी की लीलाओं को दर्शाया जाएगा। वहीं, मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने के लिए एक हॉल बनाया गया है। हॉल में लगभग एक हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं के बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। मंदिर परिसर में एक गोविंदा रेस्टोरेंट भी बनाया गया है। यहां लोगों को शुद्ध शाकाहारी भोजन दिया जाएगा।
मंदिर की खासियत
इस मंदिर में अतिथियों के ठहरने के लिए करीब 70 रूम बनाए गए हैं। और 300 गाड़ियों की पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिए 500 से जायादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मंदिर में एक लाइब्रेरी बनाया गया है जिसमें स्वामी प्रभु पाद और वेद व्यास की लिखित ग्रंथों को भी पढ़ा जा सकता है। साथ ही दूसरे तल पर बांके बिहारी का गर्भ गृह है। यहां एक तरफ राम दरबार तो दूसरी तरफ चैतन्य महाप्रभु के दरबार की रचना की गई है। इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री को निमंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही मुख्यमंत्री समेत कई राज्य नेताओं के आने की संभावना है।