KAHAGARIA : बिहार के खगड़िया में एक पत्नी ने पति को दिये गये वचन को निभाने के लिए पति के शव को खुद मुखाग्नि दी. पति से मृत्यु से पहले ये वचन लिया था कि पत्नी खुद उसका दाह संस्कार करे. पति को दिये गये वचन को पूरा करने के लिए पत्नी न खुद श्मशान घाट गयी बल्कि पति के शव को अपने हाथों मुखाग्नि भी दिया.
खगड़िया के परबत्ता का वाकया
ये मामला खगड़िया जिले के परबत्ता इलाके के खनुआ राका गांव की है. गांव के निवासी कृष्णानंद मिश्र के शव को जब गंगा नदी किनारे अगुवानी घाट पर पत्नी ने मुखाग्नि दिया तो घाट पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयी. पत्नी फूट फूट कर रो रही थी लेकिन अपने पति को दिये वचन को निभाया. अपन पति को दिये गये वचन को पूरा करने के लिए पत्नी ने सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ दिया, जिसमें आज भी महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना वर्जित है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक खनुआ राका गांव के रहने वाले कृष्णानंद मिश्र की तबीयत काफी दिनों से खराब थी. लंबे समय से उनका इलाज पटना में कराया जा रहा था. लेकिन तबीयत ठीक नहीं हुई तो डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने को कहा. कृष्णानंद मिश्र को लग गया था कि उनकी जिंदगी ज्यादा दिनों की नहीं है. लिहाजा उन्होंने अपनी पत्नी के सामने आखिरी इच्छा रखी. कृष्णानंद मिश्र ने पत्नी से वचन लिया कि उनकी मौत के बाद वही उनका अंतिम संस्कार करे.
दरअसल कृष्णानंद मिश्र निसंतान थे. हालांकि नाते रिश्तेदार में लोग थे लेकिन उनकी इच्छा अपनी जीवनसंगिनी के हाथों ही मुखाग्नि की थी. शुक्रवार को कृष्णानंद मिश्र की मौत हो गयी. कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों को शामिल होना मना है. लिहाजा गांव के 18 लोग श्मशान घाट गये. साथ में कृष्णानंद मिश्र की पत्नी मीना देवी थीं. वहां उन्होंने अपने पति का अंतिम संस्कार संपन्न कराया.