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बिहार के बड़े-बड़े विभूति रह गये फूल की माला से भी महरुम, जब कुलपति और छात्र आ गये आमने-सामने

1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Mon, 13 Jan 2020 02:17:34 PM IST

बिहार के बड़े-बड़े विभूति रह गये फूल की माला से भी महरुम, जब कुलपति और छात्र आ गये आमने-सामने

BEGUSARAI : बेगूसराय से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है जहां बिहार के प्रथम शिक्षा मंत्री गणेश दत्त की जयंती एवं उन्हीं के नाम पर बेगूसराय में स्थापित जीडी कॉलेज का 75 वां स्थापना दिवस विवादों के घेरे में आ गया है। सोमवार को आयोजित इस जयंती समारोह के अवसर पर कॉलेज परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद, संस्थापक सचिव विश्वनाथ सिंह शर्मा, बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह तथा डॉ श्रीकृष्ण सिंह द्वारा यहां स्थापित प्रजातंत्र स्मारक पर माल्यार्पण नहीं हो सका।


छात्र संगठनों के अड़ियल रवैये और कॉलेज प्रशासन की अदूरदर्शिता के कारण तीनों महापुरुष इस ऐतिहासिक अवसर पर माला से वंचित रह गए। हुआ कुछ यूं की समारोह के मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह कॉलेज परिसर में स्थापित गणेश दत्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद जब स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा रहे थे तो एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत सिंह तथा एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष सजग सिंह समेत दोनों संगठनों के कार्यकर्ता ने विवेकानंद की प्रतिमा विवादित होने की बात कहकर कुलपति को घेर लिया तथा आगे बढ़ने नहीं दिया। 


इस दौरान कुलपति ने समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित छात्र मानने को तैयार नहीं हुए। इस दौरान कॉलेज छात्रसंघ समेत विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता लगातार माल्यार्पण की मांग करते रहे, लेकिन कुलपति वहां से लौट गए। इसके बाद कुलपति आनन-फानन में कॉलेज परिसर में बनाए गए कॉमन रूम का उद्घाटन करने पहुंचे। जिसका छात्र संघ ने कड़ा विरोध किया तथा उद्घाटन करने नहीं दिया। इसके बाद कुलपति परीक्षा भवन में आयोजित समारोह में शामिल होने चले गए। 


इधर कॉलेज परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद तथा बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं होने को लेकर छात्रसंघ तथा विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में भाड़ी आक्रोश है। छात्रसंघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार तथा विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सोनू सरकार ने बताया कि छात्र संघ का चुनाव होने के बावजूद इसे तरजीह नहीं दिया जा रहा है। स्वामी विवेकानंद और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं होना प्रशासनिक दुर्भाग्यपूर्ण है।