PATNA : देश में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने समीक्षा बैठक के बाद लॉकडाउन को 4 मई से दो सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय किया है. आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सोमवार से आदेश जारी किये गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लॉक डाउन-3 की अवधि में विभिन्न गतिविधियों और कार्यों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. देश के जिलों के रेड (हॉटस्पॉट), ग्रीन और ऑरेंज जोन में बदलने के जोखिम पर आधारित हैं. इन दिशा-निर्देशों में ग्रीन और ऑरेंज जोन में पड़ने वाले जिलों में काफी रियायतें या ढील दी गई हैं.
बिहार सरकार की ओर से राज्य के सभी जिलों को सिर्फ दो ज़ोन में ही बांटने का निर्णय लिया गया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओर से रविवार को जारी पत्र के मुताबिक राज्य के नए इलाकों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार के सभी जिले सिर्फ दो ही ज़ोन में होंगे. उनके पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत सरकार के मापदंड के मुताबिक ही इन ज़ोन का वर्गीकरण किया जायेगा. बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बिहार के 5 जिलों को रेड ज़ोन में रखा गया है. इसके आलावा 20 जिलों को ऑरेंज ज़ोन तथा 13 जिलों को ग्रीन ज़ोन में रखा गया है. लेकिन राज्य सरकार के नए आदेश के बाद इन दोनों ज़ोन को मिलकर कुल 33 जिलों को ऑरेंज ज़ोन में माना जा रहा है.
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, कन्फर्म मामले दोगुनी होने की दर, जिलों से प्राप्त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा जा रहा है. वे जिले, जिन्हें न तो रेड जोन और न ही ग्रीन जोन के रूप में परिभाषित किया गया है, उन्हें ऑरेंज जोन के रूप में वर्गीकृत किया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 4 मई से लॉक डाउन को 2 सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय नए दिशानिर्देशों के साथ लागू किया गया है. लॉक डाउन के इस चरण में स्वास्थ्य मंत्रालय के मापदंड के अनुसार देश के सभी जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन के रूप में बांटा गया है. ज़ोन के अनुसार ही लॉक डाउन में छूट के नियमों को लागू किया गया है. जिलों के वर्गीकरण की जानकारी रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हर सप्ताह या आवश्यकतानुसार पहले साझा किया जायेगा.
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने आगे बताया कि नए दिशानिर्देशों के मुताबिक इलाकों में प्रतिबंधों के साथ कुछ रियायतें दी गई हैं. देश में अर्थव्यवस्था को बनाये रखने, कामगारों को रोजगार मिलने और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए लॉक डाउन में ढील दी गई है. रेड और ऑरेंज जोन में कुछ प्रतिबंधों पर छूट दी गई हैं. रेड और ऑरेंज ज़ोन के कन्टेनमेंट इलाके में स्ट्रिक्ट पेरिमीटर कंट्रोल होगा. वैसे तो राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुछ और जिलों को रेड और ऑरेंज जोन के रूप में शामिल कर सकते हैं, लेकिन वे किसी ऐसे जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकते हैं, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रेड या ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया गया है.
केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत, जोन के आधार पर देश भर में सीमित संख्या में गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. इनमें हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क द्वारा अंतर-राज्यीय आवाजाही बंद रहेगी. स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षणिक तथा प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थानों को बंद रखा जायेगा. सिनेमाघरों, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, होटल और रेस्टोरेंट सहित आतिथ्य सेवाएं बंद रहेंगी. बड़ी संख्या में लोगों का इकट्ठा होना, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रकार की सभाएं, धार्मिक स्थलों पर लोगों के लिए पूजा का आयोजन शामिल होना प्रतिबंधित है.
कंटेनमेंट जोन से इतर रेड जोन में देश भर में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा चुनिंदा गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा चलाना, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स का परिचालन, बसों का जिलों के भीतर और अंतर जिला परिचालन बंद रहेगा. रेड जोन में आने वाले क्षेत्रों में कुछ बंदिशों के साथ कुछ अन्य गतिविधियों को स्वीकृति दे दी गई है। स्वीकृत गतिविधियों के लिए लोगों को वाहनों की आवाजाही को अनुमति दे दी गई है, जिसमें चार पहिया वाहनों में अधिकतम 2 लोगों (चालक के अलावा) का होना और दोपहिया वाहन पर पीछे की सीट पर कोई सवारी नहीं बिठाने की शर्त शामिल हैं. शहरी क्षेत्रों में मॉल, बाजारों और व्यावसायिक परिसरों में गैर जरूरी सामानों की दुकानों को अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि शहरी क्षेत्रों में आने वाली सभी एकल दुकानों, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को आवश्यक और गैर आवश्यक के अंतर के बिना खोलने की अनुमति दे दी गई है.
रेड जोन में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के मामले में ई-कॉमर्स गतिविधियों को अनुमति दे दी गई है. निजी कार्यालय आवश्यकता के आधार पर 33 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन कर सकेंगे और बाकी घर से काम कर सकते हैं. सभी सरकारी कार्यालय उप सचिव और उससे ऊपर के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे. शेष 33 प्रतिशत तक कर्मचारी जरूरत के आधार पर काम करेंगे.
ऑरेंज ज़ोन में, रेड ज़ोन में स्वीकृत की गई गतिविधियों के अलावा, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 2 यात्रियों के साथ अनुमति दी जाएगी. एक जिले से दूसरे जिले में आने वाले लोगों और वाहनों को केवल स्वीकृत गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी. फोर व्हीलर वाहनों में ड्राइवर के अलावा अधिकतम दो यात्री होंगे, इसके अलावा दोपहिया वाहनों पर दूसरी सवारी की अनुमति होगी.
ऑरेंज ज़ोन रेड ज़ोन
नालंदा मुंगेर
कैमूर (भभुआ) पटना
सीवान रोहतास
गोपालगंज बक्सर
भोजपुर (आरा) गया
बेगूसराय
औरंगाबाद
मधुबनी
पूर्वी चंपारण
पश्चिमी चंपारण
भागलपुर
अरवल
सारण
नवादा
लखीसराय
बांका
वैशाली
दरभंगा
जहानाबाद
मधेपुरा
पूर्णिया
शेखपुरा
अररिया
जमुई
कटिहार
खगड़िया
किशनगंज
मुजफ्फरपुर
सहरसा
समस्तीपुर
शिवहर
सीतामढ़ी
सुपौल