बिहार: अब मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्स के लिए नहीं होगी अलग अलग फिस, जारी हुआ ये आदेश

बिहार: अब मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्स के लिए नहीं होगी अलग अलग फिस, जारी हुआ ये आदेश

PATNA: बिहार में डॉक्टर की तैयारी करने वाले लोगों के लिए यह काम की खबर है। स्वास्थ्य विभाग के बिहार शुल्क निर्धारण समिति ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य के प्राइवेट मेडिकल हॉस्पिटल में एमबीबीएस कोर्स की फीस तय कर दी है।


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के एमबीबीएस कोर्स की फीस निर्धारित कर दी है। एमबीबीएस कोर्स साढ़े चार वर्ष को होता है। ऐसे में अब मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस और डेवलपमेंट फीस अलग-अलग देनी होगी। हालांकि तीन मेडिकल कॉलेजों में डेवलपमेंट शुल्क भी ट्यूशन ही शामिल कर दिया गया है। इन कालेजों में छात्रों को अलग से कोई डेवलपमेंट शुल्क नहीं देना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।


स्वास्थ्य विभाग के तरफ से ट्यूशन फीस 6.94 लाख से लेकर 15.50 लाख रुपये तक निर्धारित की गयी है। विभाग ने जिन मेडिकल कालेजों में शुल्क का निर्धारण किया है उनमें राधा देवी जागेश्वरी मेडिकल कालेज, तुर्की, मुजफ्फरपुर, नारायण मेडिकल कालेज सहरसा, लार्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कालेज सहरसा, नेताजी सुभाष मेडिकल कालेज बिहटा और मधुबनी मेडिकल कालेज मधुबनी शामिल है।


विभाग ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आदेश में लिखा है कि ट्यूशन फीस के अलावा विद्यार्थियों को संस्थान को हास्टल फीस, ट्रांसपोर्ट फीस और मेस वगैरह का शुल्क अलग से देना होगा। इस आदेश में साफ किया गया है कि निर्धारित शुल्क से ज्यादा शुल्क लेने की स्थिति में कालेजों को अतिरिक्त शुल्क का पैसा छात्रों को वापस करना होगा। इसके साथ ही बिहार शिक्षण शुल्क निर्धारण समिति की निर्धारित फीस को लागू करना बाध्यकारी होगा।


आपको बताते चलें कि, पिछले ही दिनों एमबीबीएस कोर्स के लिए मनमाने तरीके से लिए जा रहे थे इसके विरोध में मेडिकल के छात्रों ने अपील दर्ज करवाई थी जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर आदेश जारी किया था। जिसके बाद अब बिहार शुल्क निर्धारण समिति ने इस संबंध में आदेश जारी कर राज्य के प्राइवेट कॉलेजों को यह निर्देश जारी किया है।