PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों में साल 2030 तक एक भी शिक्षक नहीं बचेंगे। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस हिसाब से शिक्षक रिटायर कर रहे हैं, उससे ये साफ़ हो गया है कि 2030 तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं रह जाएंगे। आपको बता दें, प्रदेश में जिला संवर्ग के औसतन 10 शिक्षकों की हर रोज़ रिटायरमेंट हो रही है। पिछले दो साल यानी 31 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 की बात करें तो सात हजार से ज्यादा टीचर्स रिटायर हो चुके हैं। अपर प्राइमरी, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में तो जिला संवर्ग के टीचर्स अगले चार-पांच साल में ही रिटायर हो जाएंगे।
दरअसल, प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक और हायर सेकेंडरी क्लासेज में सिर्फ 89 हजार परमानेंट टीचर्स रह गए हैं। अगले 10 साल के पहले ये सभी शिक्षक भी सेवा मुक्त हो जाएंगे। इसके बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए केवल नियोजित शिक्षक ही बच जाएंगे। इससे जुड़ी जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक़ जिला संवर्ग के सभी पद पर दोबारा बहाली नहीं ली जाएगी।
जब ये सभी शिक्षक रिटायर हो जाएंगे तो टीइटी परीक्षा या बीपीएससी परीक्षा पास किए बिना बहाल किये गये शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाने की ज़िम्मेदारी लेंगे। यही वजह है कि विभाग भी इन शिक्षकों की कुशलता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए साल 2012 में टीइटी से शिक्षकों की बहाली का प्रावधान भी शुरू किया गया है।
हायर सेकेंडरी क्लासेज में जिला संवर्ग के टीचर्स के लिए 35,443 स्वीकृत हैं, जिसमें अब केवल 11,151 पद ही खाली रह गए हैं। अपर प्राइमरीवर्ग के 53,438 स्वीकृत पद में से केवल 1398 और माध्यमिक में स्वीकृत 45,243 में से केवल 23,763 शिक्षक बहाल किए गए हैं। जिला संवर्ग के अभी सबसे ज्यादा शिक्षक प्राइमरी के हैं। 1,28,553 स्वीकृत पदों में से अभी 52,390 शिक्षक बहाल हैं।