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DESK : देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय नौसेना को स्वदेश निर्मित P15B विध्वंसक युद्धपोत 'मोरमुगाओ' को भारतीय नौसेना को समर्पित किया। इसे मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड से इसे देश की सुरक्षा में शामिल किया गया। इस युद्धपोत से मदद से भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और बेहतर होगी।
बता दें कि, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मौजूदगी में यह दूसरी बार यह है कि प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाए गए स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पहले जहाज INS विशाखापत्तनम को पिछले साल भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। इसे शामिल किये जाने से भारतीय नौसेना की ताकती कई गुना बढ़ जाएग। यह युद्धपोत 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी है। इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है। 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है। पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है। इस वजह से यह पलक झपकते ही 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है।
इसके साथ ही यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। क्योंकि, रडार भी पोत को आसानी से नहीं पकड़ सकता है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे। समुद्र में 56 किलोमीटर प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत 75 हजार वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
गौरतलब हो कि, देशी तकनीक से बने इस युद्धपोत को पिछले साल परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया था। इस जहाज का नाम गोवा के समुद्री क्षेत्र मोरमुगाओ को समर्पित किया गया है। इससे भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध में वृद्धि होगी। इसके साथ ही जहाज की पहचान को स्थायी रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा।