BEGUSARAI : नए कृषि विधेयक को लेकर देशभर के किसानों में रोष का माहौल है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसान सड़क पर उतरकर प्रदर्सन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के इस नए विधेयक को लेकर बिहार के किसानों में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है. अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को बेगूसराय समाहरणालय के समक्ष धरना देकर किसान नेताओं ने सरकार द्वारा लागू किए गए नए विधेयक का जोरदार विरोध किया.
बेगूसराय जिले के समाहरणालय के दक्षिणी द्वार पर किसान कौंसिल जिलाध्यक्ष विद्यानंद यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना सभा को संबोधित करते हुए खेतिहर मजदूर यूनियन के प्रांतीय सचिव राम भजन सिंह ने कहा कि कृषि पर कॉर्पोरेट वर्चस्व खोपा जा रहा है. केंद्र सरकार देश में खाद्य असुरक्षा पैदा कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन और सुविधा कानून, कृषि मूल्य आश्वासन बंदोबस्ती और सुरक्षा कानून, आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा संशोधित बिजली बिल कानून को रद्द किया जाए. प्रखंड स्तरीय सरकारी कृषि उत्पादन क्रय केंद्र खोला जाए, इसको लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
ये चारों बिल किसानों के हित के खिलाफ है. इस बिल के जरिए किसानों का शोषण पहले की अपेक्षा और ज्यादा होगा और इस तथाकथित बिल के कारण किसान खेती छोड़ कर अपनी जमीन बेच कर भागने पर मजबूर होंगे. कृषि क्षेत्र कॉरपोरेट घराने का गुलाम बन जाएगा.
वक्ताओं ने कहा कि पांच सौ से अधिक किसान संगठनों का अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर दिल्ली के आसपास के राज्यों के किसानों ने दिल्ली कूच किया तो उसके साथ बर्बरता की गई. यह सरकार हिटलर शाही कर रही है, हम किसानों का समर्थन करते हैं. इस किसान मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ हर स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. हम अपने आंदोलन से सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे.