PATNA : बिहार में बालू के अवैध खनन के खेल में शामिल अधिकारियों और पुलिस वालों पर कार्रवाई हो गई. जिन अधिकारियों के ऊपर अब तक के गाज गिर चुकी है. उनका करियर लगभग खत्म माना जा रहा है. बालू के अवैध खनन के इस खेल को समझने के लिए आर्थिक अपराध इकाई ने ऑपरेशन किया था. इस ऑपरेशन में अधिकारियों बिचौलियों और लोकल बाहुबलियों की स्कैनिंग की गई थी. अब सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आ रही है, उसके मुताबिक जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. उनकी फोन रिकॉर्डिंग आर्थिक अपराध इकाई के पास है. अधिकारियों का फोन सर्विलांस पर लेकर जब ऑपरेशन की शुरुआत की गई तो जांच में जुटे अपराधी दंग रह गए.
दरअसल बालू के इस अवैध खेल में प्रशासन और माफिया के गठजोड़ इतना शातिर था कि अधिकारी व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे एप्लीकेशन के जरिए बातचीत करते थे. इसी पर डील होती थी और आगे कैसे काम किया जाए, इसकी रणनीति बनाई जाती थी. आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले की जांच करने के लिए थाना अधिकारी से लेकर एसपी तक के फोन को सर्विलांस पर लिया. साथ ही साथ खनन विभाग से लेकर जिला परिवहन अधिकारी तक के फोन की चेकिंग की गई.
काफी दिनों तक जब तक जांच हुई और सर्विलांस का डाटा इकट्ठा किया गया. तब यह बात साफ हो गई कि माफिया के साथ मिलकर अधिकारी बड़ा खेल खेल रहे हैं. करोड़ों के इस खेल में जब आर्थिक अपराध इकाई के पास पक्के सबूत आ गए. तब आगे की कार्रवाई की गई. अवैध बालू खनन के मामले में अब तक अलग-अलग विभागों की 41 अधिकारियों के खिलाफ एक्शन हो चुका है. इनके खिलाफ आर्थिक अपराध के पास पक्के सबूत हैं. इतना ही नहीं अभी मालूम पड़ा है कि एक प्रशासनिक अधिकारी दूसरे किसी के नाम पर लिए गए उस सिम का इस्तेमाल कर रहे थे. एक अधिकारी तो इतने शातिर निकले कि उन्होंने अपने ड्राइवर के जरिए बालू माफिया के साथ इस खेल को खेला.
सूत्र बता रहे हैं कि जिन 41 अधिकारियों के ऊपर गाज गिरी है. उनके फोन रिकॉर्डिंग में कई राज छुपे हुए हैं. बड़े सफेद पौधों से लेकर राजनेता तक इस खेल में शामिल हैं. जांच अगर आगे बढ़ी तो खाकी से शुरू हुआ यह सफर खादी पर जाकर खत्म होगा. अब देखना होगा कि आर्थिक अपराध इकाई इस मामले में आगे और एक्शन कब लेती है. क्या राजनीति में सक्रिय उन चेहरों तक आर्थिक अपराध इकाई के हाथ पहुंच पाते हैं, जो इस खेल के असली मास्टरमाइंड है.