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बख्तियारपुर-ताजपुर पुल पर बैंक वसूलेगी टोल टैक्स, अधूरा काम छोड़कर भागी कर्ज लेने वाली कंपनी, अधूरे काम को अब पूरा कराएगी सरकार

बख्तियारपुर-ताजपुर पुल पर बैंक वसूलेगी टोल टैक्स, अधूरा काम छोड़कर भागी कर्ज लेने वाली कंपनी, अधूरे काम को अब पूरा कराएगी सरकार

PATNA: बख्तियारपुर से लेकर समस्तीपुर के ताजपुर के बीच गंगा नदी पर बनने वाले मेगा ब्रिज का काम रुक गया है। बैंक से लोन लेकर निर्माण एजेंसी ने इस प्रोजेक्ट में लगाया था। पैसे नहीं होने की बात कह काम को रोक दिया गया। कर्ज लेने वाली कंपनी निर्माण कार्य को अधर में छोड़कर भाग गयी है। ऐसे में बैंक की राशि फंस गयी है। जबकि अबतक आधा काम ही हो पाया है। ऐसे में अब बैंक इस प्रोजेक्ट के लिए दिए गये कर्ज को टोल टैक्स से वसूलेगी।


गौरतलब है कि बख्तियारपुर-ताजपुर के बीच गंगा नदी पर पुल के निर्माण के लिए बैंक ने निर्माण कंपनी को 2011 में 474 करोड़ रुपये लोन के रुप में दिए थे। लेकिन अब तक पुल का काम पूरा भी नहीं हो सका। अब निर्माण कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए। अब इस पुल का निर्माण सरकार कराएगी लेकिन टोल टैक्स बैंक वसुलेगी। क्योंकि बैंक के 500 करोड़ से ऊपर की राशि इस प्रोजेक्ट में लगाई जा चुकी है। जिसे निर्माण कंपनी ने बैंक को वापस नहीं किया। इसलिए इस बात का फैसला लिया गया कि आधारभूत संरचना से जुड़े इस प्रोजेक्ट में दी गई ऋण की राशि को बैंक टोल टैक्स से वसूलेगी।


गंगा नदी पर बनने वाले यह मेगा ब्रिज पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में बनने वाला पुल है। जो नवम्बर 2011 से ही बन रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए बैंक ने निर्माण एजेंसी को 474 करोड़ रुपए ऋण के तौर पर दिए थे। जो अब बढ़कर 500 करोड़ से ऊपर हो गए हैं। निर्माण कंपनी ने अपने हाथ यह कहकर खड़े कर दिए कि उसके पास पुल बनाने को पैसे नहीं हैं। 


पुल निर्माण कार्य अभी 50% से आगे नहीं बढ़ पाया है जबकि बैंक से ली गई राशि उसने इस प्रोजेक्ट में लगा दी है। ऐसे में अब बैंक की राशि फंस गई है। इस प्रोजेक्ट को पूरा किए जाने को लेकर सरकार ने निर्माण एजेंसी और बैंक से बातचीत की लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया कि वह अपने स्तर से इस प्रोजेक्ट के लिए राशि की व्यवस्था करेंगे और अधूरे काम को पूरा कराएंगे। 


वही बैंक के बकाए राशि को देखते हुए सरकार ने यह तय किया कि बैंक अपने बकाए राशि की वसूली इस पुल के बनने के बाद टोल टैक्स के माध्यम से करेगी। जब तक लोन की राशि बैंक को प्राप्त नहीं हो जाती तब तक वह टोल टैक्स वसूलेगी। जब बैंक को उसके पैसों की रिकवरी हो जाएगी तब सरकार टोल टैक्स वसूलेगी।