PATNA : मौसम में बदलाव के साथ-साथ बिहार में ठंड बढ़ने लगी है। ऐसे में राज्य में बढ़ता वायु प्रदूषण सरकार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। अब इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि फसल अवशेष (पराली) जलाने वाले किसानों से धान की खरीद नहीं की जाए। साथ ही बार-बार पराली जलाने वालों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाए।
दरअसल, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने फसल अवशेष प्रबंधन पर बैठक की। इसके बाद उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि जैसे-जैसे धान कटनी का समय आएगा, वैसे-वैसे राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। इसलिए उन प्रखंडों और पंचायतों में सर्तकता बरतें जहां पहले फसल अवशेष जलाने की शिकायत मिली है।
इसके साथ ही उन्होंने साफ़ तौर पर यह कहा है कि, जहां से भी पराली जलाने की शिकायत मिलती है वहां के किसानों का डीबीटी पंजीकरण रद्द करें। उन्हें सभी प्रकार के अनुदान से वंचित कर दें। इसकी सूची प्रखंड कार्यालय में प्रदर्शित करें। उन्हें धान अधिप्राप्ति के लाभ से भी वंचित करने की कार्रवाई करें। मालूम हो कि, इससे पहले राज्य में किसानों से पराली को खेतों में न जलाने की अपील की गई थी।
आपको बताते चलें कि, कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने धान की कटनी को देखते हुए फसल अवशेष नहीं जलाने को कहा था। और धान की खूंटी, पुआल आदि खेतों में जलाने की बजाए उचित प्रबंधन का निर्देश दिया था। दरअसल धान की कटाई के बाद किसान अपने खेतों के अंदर ही फसलों के अवशेष यानी पराली को जला देते हैं। जिससे वायुमंडल को भी नुकसान पहुंचता है और वायु प्रदूषण भी घातक हो जाता है।