DESK : अक्सर बड़े लोगों को जीवन की भागदौड़ और भविष्य की चिंता को लेकर कभी-कभी सिर में दर्द की शिकायत हो जाती है. लेकिन आज कल बच्चों और टीनएजर्स को भी इसकी शिकायत होने लगी है. एक रिसर्च के मुताबिक, स्कूल जाने वाले 75 फीसदी बच्चों को कभी ना कभी सिरदर्द की शिकायत होती है. ये सिरदर्द कई कारणों से हो सकता है.
शोध में शामिल डोक्टरों का कहना है कि स्कूल जाने वाले 58.4 फीसदी बच्चों मे तनाव की वजह से सिरदर्द होता है. वहीं कुछ बच्चों में सिर दर्द किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है. आज कल माता पिता बच्चों को शुरू से ही कॉम्पटीसन के लिए तैयार करना चाहते है जिसके लिए पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उन पर दबाव डाला जाता है. बच्चो का कोमल मन इस तरह के दबाव को झेल नहीं पता. इस तरह के परिस्थिति में लंबे वक्त तक रहने के कारण उन्हें धीरे-धीरे सिरदर्द की समस्या होने लगती है. डोक्टरों के अनुसार बच्चों में शारीरिक गतिविधियों का कम होना भी इसका एक कारण है. ऐसे में यदि आपका बच्चा भी सिरदर्द की शिकायत करता है तों इसे नज़र अंदाज करने की भूल ना करें.
बच्चे की सेहत कैसी है, क्या उसे पहले से कोई बीमारी रही है, इन सब बातों के जरिए सिरदर्द की वजह का पता लगाया जा सकता है. सिरदर्द की वजह पता लगने के बाद डॉक्टर से इसका उचित इलाज करवाया जा सकता है. बच्चों में होने वाले सिरदर्द कई कारणों से होते हैं, आइये इन के बारे में जानते हैं
बच्चों में सिरदर्द की कुछ आम वजहें होती हैं, जो ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है. कई बच्चे इसी तरह के सिरदर्द की शिकायत करते हैं.
तनाव की वजह से होने वाला दर्द- तनाव की वजह से होने वाला सिरदर्द माथे के दोनों तरफ दर्द होता है. इसकी वजह से सिर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है. टीनएजर्स और बच्चों में सबसे ज्यादा तनाव की वजह से ही सिरदर्द होता है. तनावग्रस्त होने या थकावट महसूस करने से सिर और गर्दन की रक्त प्रवाह बाधित होती है जिसकी वजह से सिरदर्द महसूस होता है.
माइग्रेन- जी हां, आपने सही पढ़ा कुछ बच्चों को माइग्रेन की वजह से सिरदर्द हो सकता है. माइग्रेन की वजह से सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है, इसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव होता है. माइग्रेन के दर्द में उल्टी, बेचैनी या मितली जैसी समस्या भी होने लगती है.
रुक-रुक कर होने वाला सिरदर्द- कुछ बच्चों मे सिरदर्द की शिकायत रुक-रुक कर होती है. एक बार शुरू होने पर ये दर्द लगभग 15 मिनट तक रहता है. इस सिरदर्द में माथे की एक तरफ तेज दर्द होता है, जो बहुत कष्टदायी होता है. इस तरह के सिरदर्द की वजह से बेचैनी, आंखों में पानी आना, नाक बंद होने जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं.
ठीक से ना सोना- नींद न आना और थकावट की वजह से भी बच्चों में सिरदर्द हो सकता है. जरूरत से ज्यादा शारीरिक गतिविधि, आंखों पर जोर पड़ने, फ्लू या वायरस इंफेक्शन की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है. अगर आपका बच्चा सामान्य से अधिक सिरदर्द की शिकायत करता है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. कभी कभी आखों की समस्या की वजह से भी सिरमें दर्द हो सकता है.