BETTIAH : खबर पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व से जहां एक बाघ की मौत हो गई है। बाघ की मौत की सूचना मिलने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है। सूबे के एकमात्र टाइगर रिजर्व में बाघ की मौत किस वजह से हुई इसको लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि रात के वक्त नर और मादा बाघ-बाघिन के बीच भिड़ंत में बाघ की मौत हो गई हो।
वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक क्षेत्रीय निदेशक हेमंत राय ने बाघ की मौत की पुष्टि की है। वन संरक्षक के मुताबिक बाघ का शव शनिवार को गश्ती के दौरान वन कर्मियों को मिला है और मामले की जांच की जा रही है। बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर उसकी मौत कैसे हुई। हालांकि उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि रात के वक्त नर और मादा के बीच लड़ाई में उसकी मौत हो सकती है। टाइगर रिजर्व में गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने गोवर्धना वन क्षेत्र के सिरिसिया जंगल के अंदर बाघ का शव देखा। उन्होंने इसकी जानकारी दी कि लगभग दो-तीन घंटे पूर्व उसकी मौत हुई होगी।
गश्ती दल की सूचना के बाद तत्काल वन प्रमंडल के डीएफओ अमरीश कुमार मल्ल के नेतृत्व में अधिकारियों और पशु चिकित्सकों की टीम घटनास्थल पर पहुंची और बाघ के शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है। जिस बाघ की मौत हुई उसकी उम्र 3 से 4 साल के बीच से बताई जा रही है। क्षेत्र निदेशक के मुताबिक 2018 में बाघ से भिड़ंत में एक के तेंदुए की भी मौत हुई थी। इसका भी खुलासा पोस्टमार्टम की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाया था।