ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में जिम के गेट पर झोले में मिली नवजात: मच्छरों से सूजा चेहरा देखकर जिम ऑनर ने गोद लिया, नाम रखा ‘एंजल’ Bihar Assembly Election : दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 20 जिलों में तैनात 1650 कंपनियां और 4 लाख जवान UPSC IFS Mains 2025: IFS मेन्स परीक्षा 2025: UPSC ने एडमिट कार्ड जारी किया, पूरी जानकारी यहां Bihar election : बिहार चुनाव में अचानक घनबेरिया का पेड़ा बना चर्चा का स्वाद, अमित शाह ने भी की जमुई की मिठास की तारीफ; जानिए क्या है इसकी पूरी कहानी Success Story: जानिए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तदाशा मिश्रा? आखिर क्यों झारखंड में मिली इतनी बड़ी जिम्मेदारी Bihar election 2025 : मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने पर बीजेपी का बड़ा बयान,कहा - हम इस तरह के प्रत्याशी ... Bihar Election 2025: चुनावी ड्यूटी से लौटते समय ITBP जवानों की बस धू-धू कर जली, बड़ा हादसा होते-होते टला Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की बेरहमी से हत्या, मंदिर के पास मिला शव Parliament Winter Session 2025: इस दिन से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, केंद्रीय मंत्री ने बताया कबतक चलेगा सेशन Parliament Winter Session 2025: इस दिन से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, केंद्रीय मंत्री ने बताया कबतक चलेगा सेशन

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Nov 2019 04:57:37 PM IST

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

- फ़ोटो

NEW DELHI: देश की सबसे बड़ी अदालत ने आज अयोध्‍या मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया. अदालत ने विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक मानते हुए वहां मंदिर बनाने का फैसला दिया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के ही किसी दूसरे स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. जानिये अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातें

1. विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर मुसलमान अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए. इसलिए विवादित जमीन पर रामलला का हक है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष यानि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह जमीन देने को कहा है. 


2- मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मिलेगी 5 एकड़ जमीन

सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि  मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी. कोर्ट ने कहा है कि केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में उचित स्थान 5 एकड जमीन दे जिस पर मस्जिद का निर्माण होगा. 


3. मंदिर बनाने के लिए बने ट्रस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो तीन महीने के भीतर ट्रस्ट की रूपरेखा तैयार कर ले. यही ट्रस्ट राम मंदिर बनायेगा और उसकी निगरानी भी करेगा. 


4. भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हिंदुओं की आस्था और उनका विश्वास है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था. हिन्दू ये मानते हैं कि भगवान राम का जन्म गुंबद के नीचे ही हुआ था. ये उनकी व्यक्ति आस्था और विश्वास का विषय है. प्राचीन यात्रियों द्वारा लिखी किताबें और प्राचीन ग्रंथ दर्शाते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि रही है.  ऐतिहासिक उद्धहरणों से संकेत मिलते हैं कि हिंदुओं की आस्था में अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि रही है.


5. अयोध्या की मस्जिद इस्लामिक संरचना नहीं थी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अयोध्या का विवादित ढ़ाचा इस्लामिक संरचना नहीं था. ASI की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी रिपोर्ट से ये साबित हो रहा है. इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाने के पुख्ता सबूत नहीं मिल पाये हैं. बाबर के समय मीर बकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई. बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी. मस्जिद के नीचे जो ढांचा था, वह इस्लामिक ढांचा नहीं था. यह सबूत मिले हैं कि राम चबूतरा और सीता रसोई पर हिंदू 1857 से पहले भी यहां पूजा करते थे, जब यह ब्रिटिश शासित अवध प्रांत था. 

6. मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित नहीं कर पाया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम पक्ष ये साबित नहीं कर पाया कि अयोध्या की विवादित जमीन पर उसका मालिकाना हक है. मुस्लिमों ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जो यह दर्शाता हो कि वे 1857 से पहले मस्जिद पर पूरा अधिकार रखते थे. जबकि यह सबूत मिले हैं कि राम चबूतरा और सीता रसोई पर हिंदू 1857 से पहले भी यहां पूजा करते थे, जब यह ब्रिटिश शासित अवध प्रांत था. सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज साक्ष्य बताते हैं कि विवादित जमीन का बाहरी हिस्सा हिंदुओं के अधीन था. 

7. निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज

निर्मोही अखाड़े ने कोर्ट में दावा पेश करते हुए कहा था कि राम मंदिर का प्रबंधन उनके हाथों में था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़े के दावे को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने देर से याचिका दायर की थी. वहीं जमीन पर शिया वक्फ बोर्ड के दावे को भी खारिज कर दिया गया. शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि विवादित जमीन पर शिया मस्जिद हुआ करती थी. हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को किसी तरह का प्रतिनिधित्व दिया जाए।

8. 70 साल पहले रखी गयीं थी मूर्तियां

सुप्रीम कोर्ट की पीठ का फैसला पढ़ते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि विवादित स्थल पर मूर्तिया 1949 में रखी गयी थीं. हालांकि उससे पहले भी हिन्दू राम चबूतरा की पूजा करते थे. 


9-इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला खारिज 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिस तरीके से विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला दिया था वो सही नहीं था. विवादित जमीन राजस्व रिकार्ड के मुताबिक सरकारी जमीन थी. इसे तीन हिस्सों में बांटने का फैसला उचित नहीं था. 

10. सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट की बेंच का फैसला

अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बेंच बनायी थी. इस बेंच ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया. यानि किसी जज का मत इस फैसले से अलग नहीं था.