PATNA: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखने की कोशिश में लगी भारत सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र सरकार अपने ऑयल रिजर्व से 50 लाख बैरल कच्चा तेल रिलीज कर सकती है। सरकारी सूत्र बता रहे हैं कि आज-कल में ये एलान किया जा सकता है। सरकार के इस फैसले के बाद भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम में तीन रूपये तक की कमी आ सकती है।
कच्चे तेल के बढते दाम पर रोक की तैयारी
दरअसल अपने इमरजेंसी रिजर्व से तेल रिलीज करने की रणनीति भारत समेत दुनिया के कुछ बड़े देशों ने तैयार किया है. वे तेल उत्पादक देशों की मनमानी से परेशानी हैं, जो लगातार कच्चे तेल का दाम बढ़ाते जा रहे हैं. उनसे निपटने के लिए अमेरिका ने पहल की है. अमेरिका ने भारत, जापान, समेत कुछ बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ मिलकर कच्चे तेल के इमरजेंसी स्टॉक को रिलीज करने का प्लान बनाया है।
कम हो सकता है पेट्रोल-डीजल का दाम
भारत में अभी पेट्रोल-डीजल के दाम सीधे बाजार से जोड़ दिया गया है। यानि कच्चे तेल के आयात से लेकर उसे रिफाइन करने में जो खर्च आता है उसमें अपना मुनाफा जोड़कर तेल कंपनियां उसे बाजार में भेजती हैं. उसके बाद केंद्र और राज्य सरकार का टैक्स लगता है. अब अगर रिजर्व तेल से 50 लाख बैरल तेल दिया जायेगा तो कच्चे तेल का दाम कम होगा. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि दाम कम होने का फायदा पेट्रोलियम कंपनियां आम लोगों को देती हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2 से 3 रुपए तक की कमी हो सकती है. लेकिन दूसरा डर भी है. अगर डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है तो कीमत का कम होना कठिन होगा।
कच्चे तेल के भाव आसमान पर
दरअसल तेल उत्पादक देशों ने फिलहाल कच्चा तेल लगभग 80 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से बेचना शुरू किया है. अमेरिका, भारत, साउथ कोरिया और जापान की कोशिश है कि कच्चे तेल की कीमत को 70 डॉलर प्रति बैरल पर लाया जाये. इस रणनीति के तहत चीन भी अपने रिजर्व से तेल रिलीज करने को तैयार है. अगर दुनिया के ब़ड़े देशों की रणनीति सफल होती है और कच्चे तेल के दाम 70 डॉलर के करीब आ जाते हैं तो भारत के लोगों को इसका फायदा मिलना तय है. इससे पेट्रोल-डीजल ही नहीं बल्कि एलपीजी के दाम भी कम होंगे।
भारत के पास 3.8 करोड़ बैरल का रिजर्व
किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हर बड़े देश कच्चे तेल का रिजर्व बना कर रखते हैं. भारत ने ईस्ट और वेस्ट कोस्ट के तीन स्थानों पर तकरीबन 3.8 करोड़ बैरल कच्चे तेल का स्टॉक रिजर्व कर रखा है. भारत सरकार इस रिजर्व में से 50 लाख बैरल अगले 10 दिनों में रिलीज करेगी. जरूरत पड़ने पर और तेल भी रिलीज किया जा सकता है।
तेल उत्पादकों ने अमेरिका की बात भी नहीं मानी
दरअसल कच्चे तेल की कीमत में लगातार इजाफे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कच्चे तेल के उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ से बात की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि कोरोना महामारी से थोड़ी राहत मिलने के बाद तेल की डिमांड बढ़ी है लिहाजा तेल उत्पादक देश सप्लाई बढ़ाये. लेकिन OPEC+ ने बाइडेन की अपील को ठुकरा दिया. इसके बाद ही अमेरिकी सरकार ने दूसरे बड़े देशों के साथ बात कर इमरजेंसी रिजर्व से तेल रिलीज करने की रणनीति तैयार की. दुनिया में ऐसा पहली बार होगा कि कई देश एक साथ इमरजेंसी स्टॉक से तेल रिलीज करेंगे।