PATNA : सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां दुर्गा का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार अष्टमी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में लोगों के अंदर इसको लेकर दुविधा है की इस बार अष्टमी तिथि कब है।
दरअसल, हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस वर्ष 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र है। हर वर्ष की भांति सप्तमी तिथि के अगले दिन अष्टमी मनाई जाएगी। हालांकि, अष्टमी तिथि को लेकर साधक दुविधा में है। आइए, शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
इस बार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। इसका अर्थ है कि अष्टमी तिथि 10 तारीख को ही है। लेकिन आप 11 तारीख को अष्टमी तिथि की पूजा कर सकते हैं। इसके बाद नवमी तिथि बीतेगा जो 12 अक्टूबर को दोपहर में खत्म होगा और इसके बाद दसवीं तिथि की पूजन की जाएगी।
पंडितों एवं धर्म जानकारों की मानें तो शारदीय नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की पूजा निशा काल में होती है। शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि मां काली को समर्पित है। इस तिथि पर मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। एक ही तिथि पर सप्तमी-अष्टमी पड़ने पर अष्टमी व्रत मां कालरात्रि को समर्पित तिथि पर नहीं किया जाता है। इसके अगले दिन अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इसके लिए अष्टमी व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं, नवमी पूजन एवं हवन भी 11 अक्टूबर को किया जाएगा। साधक 12 अक्टूबर को व्रत का पारण कर सकते हैं।